गैस्ट्राइटिस का अर्थ है की आमाशय की सूजन। सामान्य पाचन तंत्र की समस्या है, जो की अमाशय की परत में जलन या सूजन के कारण से होती है।
यह समस्या कम भी हो सकती है और ज्यादा गंभीर भी, जो आगे चलकर अल्सर या अन्य जटिलताओं का कारण बनती है। इसके कारण, लक्षण और इलाज को समझना आवश्यक है ताकि समय पर उचित कदम उठाए जा सकें।
२) गैस्ट्राइटिस होने के क्या कारण है?
गैस्ट्राइटिस कई कारणों से हो सकता है, जैसे की ,
- अनियमित खानपान : बहुत अधिक तीखा खाना ,या मसालेदार , तला हुआ भोजन।
- ज्यादा शराब का उपयोग करना
- धूम्रपान
-ज्यादा पेनकिलर दवाइयों का सेवन करना
- बैक्टीरिया का संक्रमण
-मानसिक चिंता
३) गैस्ट्राइटिस होने के क्या लक्षण होते है ?
गैस्ट्राइटिस के सामान्य लक्षणों है, जो की इस प्रकार से है , - पेट में जलन या पेट में दर्द का होना
- अपच
- उल्टी या मतली
- भूख में कमी लगना
-पेट का फूल जाना
४) गैस्ट्राइटिस का घरेलू इलाज क्या है ?
* सादा और हल्का भोजन : दलिया, उबली सब्जि, दही आदि का सेवन करें। ज्यादा मसालेदार और तले हुए भोजन से दुरी रखना।
* अदरक और शहद : अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। एक चम्मच अदरक का रस और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
* तुलसी के पत्ते : 4-5 तुलसी के पत्ते को चबाना लाभदायक होता है।
* नारियल पानी : अमाशय की पर्त को शांत करता है और हाइड्रेशन बनाए रखता है।
* छाछ और सौंफ
छाछ में थोड़ा सा सौंफ और काला नमक मिलाकर पिएं, यह गैस में राहत देगा।
५) गैस्ट्राइटिस में क्या करें और क्या न करें?
*गैस्ट्राइटिस में क्या करना चाहिए *
- अपने डेली समय पर ही भोजन करना चाहिए। - खूब पानी पीना चाहिए ।