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homeopathic safe for pregnancy
१) गर्भावस्था के दौरान होम्योपैथी क्या सुरक्षित है? गर्भावस्था ऐसी प्राकृतिक अवस्था है जो किसी भी महिला के जीवन में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तन लाती है। इस दौरान, महिलाएं प्राकृतिक निदान विकल्पों की खोज करती हैं ताकि वे और उनका होने वाला बच्चा स्वस्थ रहें।  - आज का आर्टिकल में हम क्या गर्भावस्था के दौरान होम्योपैथी सुरक्षित है? इस बारे में चर्चा करने वाले है  २ ) गर्भावस्था में होम्योपैथी का उपयोग ? गर्भावस्था के दौरान, कई महिलाएं होम्योपैथी की ओर जा सकती है ताकि वे अपनी और अपने भ्रूण की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। - पारंपरिक चिकित्सा उपयोग किए जाने वाले कुछ रासायनिक दवाएं कभी गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित नहीं होती हैं , इसलिए महिलाएं होम्योपैथी को एक सुरक्षित विकल्प के रूप में मानती हैं। -होम्योपैथिक उपचार का ये लाभ है कि, यह बिना हानिकारक रासायनिक तत्वों के बने होता है और सुरक्षित भी माना जाता है।  ३) गर्भावस्था के दौरान होमियोपैथी में सुरक्षा के पहलू ? होम्योपैथिक दवाई ज्यादा पतली होती हैं और उनमें रासायनिक तत्व भी नहीं होते हैं, जिसके कारण ये आमतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए ये सुरक्षित हैं। हालांकि, यह भी जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं होम्योपैथिक उपचार को एक अनुभवी होम्योपैथिक डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही उपचार लें।  - हर गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है और हर महिला का शारीरिक और मानसिक मिजाज भी अलग होते हैं। अतः उपचार भी व्यक्तिगत ही होना चाहिए। ४) गर्भवती महिलाओं की कुछ सामान्य समस्याएं जिनमें होम्योपैथी की मदद ली जाती है? -मतली और उल्टी -हार्मोनल असंतुलन ५) गर्भावस्था में होम्योपैथी के लाभ क्या है? गर्भावस्था में होम्योपैथी के लाभ निचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की -प्राकृतिक उपचार: होम्योपैथी दवाये प्राकृतिक उपचार की ओर मोड़ देती है, जो कि गर्भावस्था के दौरान महिला की पहली प्राथमिकता हो सकती है - कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होता है
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pancreas ko thik karne ka ilaaj
१) पैंक्रियास को ठीक करने का रामबाण इलाज? पैंक्रियास, को हम दूसरे अग्न्याशय के नाम से जाना जाता है, पैंक्रियास हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो पाचन तंत्र और इंसुलिन उत्पादन में महत्वपूर्ण रोल निभाता है। यह अंग हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि इसके अस्वस्थ होने पर कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे मधुमेह, पैंक्रियाटाइटिस, और पैंक्रियास कैंसर हो सकती हैं। पैंक्रियास शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है जो हमारे पाचन तंत्र और इन्सुलिन उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, आधुनिक जीवनशैली और अस्वस्थ भोजन के परिणाम स्वरूप, पैंक्रियास की समस्याएं आम होती जा रही हैं।  इस लेख में, हम पैंक्रियास को ठीक करने के रामबाण इलाज की चर्चा करेंगे २) पैंक्रियास में क्या समस्या हो सकती है? पैंक्रियास की समस्याएं आमतौर पर एक्यूट या क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस, जिसमे टाइप१ ,टीपी२ डायबिटीज , और कभी-कभी कैंसर के रूप में देखने को मिलती है।  ***पैंक्रियास की समस्याएं निचे बातये अनुसार हो सकते है ,जैसे की -बहुत शराब सेवन करना  -चर्बी वाले आहार-मोटापा -ध्रूमपान -दवाइयों का दुष्प्रभाव ३) पैंक्रियास की जाँच कैसे की जाती है? अग्न्याशय की स्थिति का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जाँच करने के लिए एक्स-रे , अल्ट्रासाउंड , सीटी स्कैन जैसे अन्य परीक्षण करवाने पड़ सकते हैं। -पैंक्रियास को ठीक करने के लिए रामबाण इलाज का रास्ता उतना ही सफल हो सकता है जितना आप इसे अपने जीवन में अपनाते हैं सही देखभाल और सावधानियों के साथ, आप अपनी पैंक्रियास की समस्याओं को काफी हद तक कण्ट्रोल कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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ibs or ibd me kya antar hai
IBS  और IBD  दो अलग-अलग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार हैं,हालांकि, दोनों  बीमारी के कारण ,लक्षण और उपचार की प्रक्रियाएं अलग  हैं। आज का आर्टिकल इन दोनों स्थितियों के बीच के अंतर से  अधिक विस्तार से समझें। १) IBS क्या है?हमारे आंत की दीवार मांसपेशियों की पर्त से  मिल कर बने है। जब हम भोजन करते है।, तो भोजन को पाचन तंत्र में भेजने की क्रिया के दौरान ये मांसपेशियां सिकुड़ने लगती  हैं, लेकिन जब मांसपेशियां सामान्य से अधिक सिकुड़ने लग जाती हैं तो पेट में गैस बनने लगती है और सूजन आती  है ,जिसके कारण आंत कमजोर हो जाती है। २) IBS के लक्षण क्या है ?-पेट में दर्द और मरोड़ होना -फूला हुआ पेट -दस्त,या  कब्ज ३)IBD  क्या है ?- IBD  को सूजन आंत्र रोग भी कहते है।  यह पाचन तंत्र में होने वाली एक सूजन है. यह संक्रामक नहीं है. *IBDके लक्षण क्या है ?-लगातार दस्त, जिसमें खून भी आ सकता है-वजन कम होना-थकान लगना ४) IBS और IBD के बीच मुख्य अंतर?प्रकृति: IBS एक कार्यात्मक विकार है, जबकि IBD एक सूजन रोग है।कारण: IBS के कारण स्पष्ट नहीं हैं और यह मांसपेशी के सिकुड़ने से होती है। IBD  ऑटोइम्यून सिस्टम की गड़बड़ी के कारण होता है।लक्षणों : IBS के लक्षण आमतौर पर हल्के से मध्यम होते हैं, जबकि IBD  के लक्षण गंभीर और  जानलेवा भी हो सकते हैं।
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pancreatitis se kaise bache
पैंक्रियास शरीर का महत्त्वपूर्ण भाग है जो की पाचन तंत्र और रक्त शर्करा के स्तर को कण्ट्रोल करने में महत्वपूर्ण रोल निभाता है। आज के आर्टिकल में हम पैंक्रियास होने से कैसे बच सकते है इसके बारे में बताने वाले है। १) पैंक्रियास की क्रियाएं क्या है ? पैंक्रियास का मुख्य काम एंजाइम्स और हार्मोन्स का उत्पादन करना है। जो की आहार को पचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह इंसुलिन और ग्लूकोज के लेवल को कण्ट्रोल करने वाले हार्मोन्स का भी उत्पादन करता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखते हैं। २) पैंक्रियास से संबंधित समस्याएं क्या है? पैंक्रियास के संबंधित समस्याओं निम्नलिखित हो सकती है जैसे की ,  * पैंक्रियाटाइटिस: जिसमें पैंक्रियास में सूजन हो जाती है। यह लंबे समय तक चलने वाली हो सकती है। * पैंक्रियास कैंसर: पैंक्रियास की कोशिकाओं में विकसित होता है और तेजी से फैल सकता है।   ३) पैंक्रियास की सुरक्षा के लिए सुझाव क्या है ?  पैंक्रियास को अच्छा बनाए रखने और उससे जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए कुछ सुझाव हैं: -१ स्वस्थ आहार का पालन करें -२ ज्यादा तले-भुने खाद्य पदार्थ को सीमित करना  -३ कम चर्बी वाले भोजन -४ नियमित योग -५ अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहना -६ नियमित स्वास्थ्य की जांच -७ डॉक्टर की सलाह का पालन
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pancreatitis me depression hota hai
१) क्या पैंक्रियास में डिप्रेशन होता है? डिप्रेशन, जिसे मानसिक विकार भी कहते है, मनुष्य के भागदौड़ के जीवन में एक सामान्य मानसिक स्वास्थ्य विकार बन चुका है। यह मस्तिष्क से जुड़ा होता है और इसके असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ते हैं। हालांकि, जब पैंक्रियास का प्रश्न उठता है , तो क्या पैंक्रियास में डिप्रेशन होता है। आज हम इस आर्टिकल के जरिये जानने का प्रयास करने वाले है।    २) पैंक्रियास का क्या काम होता है? पैंक्रियास,हमारे पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है, जो शरीर में इंसुलिन जैसे महत्वपूर्ण हार्मोन का उत्पादन करता है। इसका मुख्य कार्य शुगर मेटाबॉलिज्म को कण्ट्रोल करना है ताकि शरीर में ग्लूकोस का स्तर संतुलित रहे। पैंक्रियास का स्वास्थ्य सीधा इंसुलिन उत्पादन और उसके कार्य से जुड़ा होता है, जो मधुमेह जैसी बीमारियों को असर करता है।   ३) डिप्रेशन का असर ? जब हम डिप्रेशन की बात करते हैं, तो यह मानसिक स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति का उदास, उत्सुकता में कमी और निराशा का सामना करना पड़ता है।  - डिप्रेशन के कारण मानव का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है और स्वास्थ्य को भी असर हो सकता है। ४) पैंक्रियास और डिप्रेशन का स्वास्थ्य से संबंध ? पैंक्रियास के सन्दर्भ में डिप्रेशन का सीधा संबंध तब देखा जाता है , जब उसकी बीमारी पैंक्रियास या कैंसर , जो की मानव के मानसिक हेल्थ को असर करता है * पैंक्रियास की बीमारियों से उत्पन्न मानसिक असर पैंक्रियास बीमारियों के कारण, जैसे कि लंबे समय तक चलने वाली पैंक्रियाटाइटिस, मधमेह या पैंक्रियाटिक कैंसर, मानव को मानसिक स्वास्थ्य जैसे समस्याएं हो सकती हैं। इन बीमारियों के चलते ही शारीरिक दर्द, थकान जैसी समस्याएं खडी होती हैं, जो मानसिक तनाव और अवसाद को जन्म देती हैं।
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wopn pancreas kya hai
१) वोपन पैंक्रियास का क्या अर्थ है? - वोपन पैंक्रियास एक स्वचालित प्रणाली है जो की मधुमेह,से परेशान व्यक्तियों के लिए रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। - इसका उद्देश्य इंसुलिन पंप और CGM को इकट्ठा करके शरीर को आवश्यक इंसुलिन की मात्रा प्रदान करता है। इस को आर्टिफिशियल पैंक्रियास भी कहते है। २) वोपन पैंक्रियास कैसे काम करता है? - वोपन पैंक्रियास ३ मुख्य घटक से बना होता है। जैसे की -- ग्लूकोज मॉनीटर -- इंसुलिन पंप -- संवेदनशील नियंत्रण एल्गोरिद्म जब शरीर को इंसुलिन की जरुरत होती है, तो यह स्वचालित रूप से मनुष्य शरीर में जरुरी मात्रा में इंसुलिन का इंजेक्शन देती है। इसका लाभ यह है कि , यह मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता को कम कर देता है। ३) वोपन पैंक्रियास की संकल्पना क्या है? वोपन पैंक्रियास एक जैविक और चिकित्सा नवाचार है, जिसके द्वारा कृत्रिम रूप से पैंक्रियास का निर्माण किया जाता है। इसका उद्देश्य मधुमेह जैसी बीमारियों के उपचार को सरल और प्रभावी बनाना है। जब किसी मानव का पैंक्रियास अच्छे से कार्य नहीं करता है और इंसुलिन उत्पादन में कमी होती है, तो इस स्थिति में शरीर के लिए इंसुलिन का आंतरिक प्रवाह आवश्यक हो जाता है। यही वह स्थिति है जहां वोपन पैंक्रियास सहायक सिद्ध होता है। ४) वोपन पैंक्रियास का विकास कैसे होता है? वोपन पैंक्रियास यह एक कोशिका आधारित निदान है जो मधुमेह जैसे रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है। वर्तमान समय के, अध्ययनों में देखा जा रहा है कि कैसे इंसुलिन उत्पादन में असमर्थ पैंक्रियास को कार्यशील बनाया जा सकता है। यह पद्धत्ति मुख्य रूप से टाइप 1 डायबिटीज़ के उपचार में बदलाव लाने की क्षमता रखती है। ५)वोपन पैंक्रियास के लाभ? - वोपन पैंक्रियास सबसे बड़े लाभों में से एक हो सकता है कि यह मधुमेह मरीज के लिए इंसुलिन पर निर्भरता को ख़त्म करता है। इसके साथ ही, शरीर के शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है, जिससे दूसरे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम हो सकता है।
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resolving pancreatitis kya hota hai
१ ) रेसोल्विंग पैंक्रियास क्या है? रेसोल्विंग पैंक्रियास को पैंक्रियास की स्वास्थ्य स्थितियों के समाधान की प्रक्रिया माना जा सकता है। यह एक विस्तृत प्रक्रिया है जो अलग - अलग चिकित्सा पद्धतियों और उपचारों के माध्यम से पैंक्रियास की क्रिया को सुधारने में मदद करता है।  * रेसोल्विंग की प्रक्रिया में निम्नलिखित अवस्थाएं शामिल हो सकती हैं: - पैंक्रियासाइटिस का उपचार - मधुमेह का नियंत्रण २ ) रेसोल्विंग पैंक्रियास की प्रक्रिया क्या है ? रेसोल्विंग पैंक्रियास की प्रक्रिया में आमतौर पर कुछ चरण शामिल हो सकते है जैसे की , उपचार : पैंक्रियास की समस्याओं का निदान करने के लिए कुछ जाँच का सहारा लिया जाता है, जैसे कि खून टेस्ट, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड।  नियमित फॉलो-अप: उपचार के बाद नियमित फॉलो-अप जरुरी होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पैंक्रियास की दशा में सुधार हो रहा है या नहीं|   ३) पैंक्रियास को स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए क्या टिप्स है ? पैंक्रियास को अच्छा बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव उपयोगी हो सकते हैं जैसे की ,  - संतुलित आहार - नियमित योग  -शराब का सेवन नहीं करना -समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना
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acute pancreas hone par paient ko baar baar episode kyu hota hai
१) एक्यूट पैंक्रियास होने पर पेशेंट को बार बार एपिसोड्स क्यों आता है? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस का अर्थ है कि अग्नाशय में अचानक से सूजन होती है, जो की अक्सर गंभीर पेट दर्द, मतली, उल्टी और पाचन जैसे समस्याओं का कारण भी बन सकता है। हालांकि यह स्थिति एक बार में ही गंभीर हो सकती है, कई मामलों में मरीज को बार-बार इसके एपिसोड का सामना भी करना पड़ता है।  - आज का आर्टिकल में हम जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है और इसके बचाव के उपाय क्या होते है।  २) एक्यूट पैंक्रियास के बार-बार एपिसोड होने के कारण क्या है ? एक्यूट पैंक्रियास के बार-बार एपिसोड होने के कारण निचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की , - पित्त पथरी : मरीज को पैंक्रियाटाइटिस का कई बार सामना करना पड़ता है। पित्त पथरी, पित्ताशय से होकर पैंक्रियाटिक डक्ट में फंस जाती है है, जिससे अग्नाशय में सूजन होती है।  - ज्यादा शराब का सेवन : ज्यादा शराब का सेवन करने से अग्नाशय को नुक्सान हो सकता है।  - जनेटिक असर : कुछ लोगों में जेनेटिक तत्व होते हैं जो पैंक्रियास के प्रवृत्तियों को असर कर सकते हैं।  - दवाइयों का दुष्प्रभाव : कुछ विशेष दवाई जैसे कि एंटीबायोटिक्स या इम्युनोसप्रेसिव एजेंट्स भी पैंक्रियाटाइटिस के एपिसोड को ट्रिगर कर सकती हैं। ३) एक्यूट पैंक्रियास एपिसोड्स से बचाव के उपाय क्या है ? एक्यूट पैंक्रियास एपिसोड्स से बचने के उपाय निचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की, - शराब और धूम्रपान से दूर रहना  -कम मसालेदार और संतुलित आहार का सेवन करें। -डॉक्टर की सलाह पर समय समय पर दवाइयों का सेवन और जाँच करना  -मस्तिष्क को शांत बनाये रखने के लिए योग करना
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1)यूटूब पे ये क्वेश्चन है, हम्बल रिक्वेस्ट टू शेर सम मोर रो फ्रूट्स फॉर बेटर गट हैल्थ इशू विद गाल ब्लेडर क्रोनिक सिस्ट्स इशूज हूजे अंडर वेट इशू ? - इस क्वेश्चन को आप समझेंगे तो ऐसे फ्रूट्स के नाम बताइए जो आपके गट इशू को यानि डाजेस्टिव अबिलिटी को अच्छा करें, - डाजेस्टिव पावर को अच्छा बनाएं तो सबसे पहले आपको यहां समझना पड़ेगा के आपको फ्रूट्स ऐसे सेलेक्ट करने हैं जिसके अंदर वाटर का एक्यूमिलेशन ज्यादा हो और सेकंड उसमें फाइबर ज्यादा हो क्योकि गट इशूस के लिए फाइबर बहुत इंपरूट्टेंट हैं और वाटर रहेगा उसमें कंटेंट तो आपके डाजेशन को और इंपरूफ करेंगा अगर हम ऐसे फ्रूट्स के नाम लेवें, तो यहां पे आपको आप एप्पल ले सकते हैं आपको बनाना हुआ, पपया हुआ, पाइनेपल, बेरीज, हर तरह की बेरीज अच्छा रहता हैं गट इशूस के लिए किवी हो गया, वाटर मेलन इस वेरी गुट फर इंपरूइंग गट इशूसइसमें वाटर काफी ज्यादा होता हैं, एवोकेड हुआ, मैंगोज हुआ, मैंगो के सिजन में आप मैंगो लिए अगर आपको डायबेटिस नहीं हैं, वेरी हेल्फूल तो वो सारे फ्रूट्स जिसके अंदर फाइबर ज्यादा है और वाटर ज्यादा हैं, उसका आप इस्तमाल करेंगे तो आपको आपके गट इशू को इंप्रूफ करने में वो काफी हेल्प करेंगा, अफकोर्स मेडिसिन का बहुत बढ़ा रोल रहता है, 2) इस एंटी एपिलेप्टिक होम्योपैथिक मेडिसिन सेफ दूरिंग फर्स्ट ३ मंथ ऑफ़ प्रेगनेंसी प्लीज रिप्लाई सून ? - फर्स्ट मंथ के प्रेगनेंसी में होमियोपैथी मेडिसिन एपिलेप्सी में ले रहा हु तो प्रेगनेंसी को कोई नुक्सान तो नहीं करेगा। तो होमियोपैथी मेडिसिन का कोई साइड इफ़ेक्ट तो नहीं है। लेकिन आप कोई भी रेंडम मेडिसिन नहीं ले सकते है  - यूट्यूब पर देख कर के या किताब पढ़कर ये किसी के सब्सक्रगनेंसी सेंसेटिव पीरियड होता है , या अन्य वीमेन इस दौरान आप किसी एक्सपीरियंस होम्योपैथिक डॉक्टर को कांटेक्ट करिये और यदि किसी एपलेप्सी की प्रॉब्लम है तो एक्सपीरियंस डॉक्टर को सिलेक्ट करिये -जिससे मेडिसिन की वजह से आपका एपलेफसी में सपोर्ट मिले साथ में ही बच्चे का भी डेवलपमेंट अच्छा हो । बट मुझे अगर इसका आंसर देना है तो होमियोपैथी मेडिसिन इन फर्स्ट थ्री मंथ ऑफ़ प्रेगनेंसी बट अंडर गाइडेंस ऑफ़ एक्सपीरियंस होमियोपैथी डॉक्टर थैंक यू 3) दीपक कुमार जी का प्रश्न है की क्रोनिक पैंक्रियास विथ सिक्स्ट आपरोक्स 10CM विथाउट सर्जरी प्लीज सजेस्ट.? यदि आपके पैंक्रियास में वोपण है और इसका साइज बड़ा है 10CM साइज में आता है तो इस वजह से आपको पैन हो रहा है और साइज भी आप देख रहे है पहले बढ़ स्पिर डेन करवा लेना चाहिए लेकिन कोई कोई प्रॉब्लम नहीं हो रहा है 10CM का सुड सिस्ट ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग सेंटर में से जो इस लेवल पर ट्रीटमेंट अपना शुरू करते है और उनके केस में रिवर्सल पॉसिबल लेकिन 10CM साइज में आता है इसको से प्रिडिक्ट कर देना केस रिवर्स हो जाएगा. विदाउट सर्जरी या एस्पिरेशनेंट राइट स्टेटमेंट है की हम इस केस को लेते है और जब आप ट्रीटमेंट सुरु करते है हर २,३,४ महीने में रिपोर्ट करके देखते है ज्यादातर केस वो रिवर्स होना सुरु होता है , लेकिन कुछ ऐसे केस होते है जहां उसका साइज बढ़ता है साइज बढ़ने के पीछे भी कुछ फंडामेंटल रीजन है होम्योपैथिक मेडिसिन चलती रहती है जिससे एनंटायर केस में अच्छा एक मैनेजमेंट होता है और रिकवरी होने की पॉसिबिलिटी बहुत हो जाती है
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liver cirrhosis ka ilaaj
१)लिवर सिरोसिस किसे कहते है? लीवर मानव शरीर का ऐसा भाग है जो फुटबॉल के आकार का होता है, जिसका कार्य है की हमारे खून से विषाक्त पदार्थों को छानना है, खुराक को पचाने में भी मदद करने वाला एंजाइम बनाता है, शर्करा और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। - जब हमारा लीवर चोटिल हो जाता है, तो वह खुद को ठीक करता है और उसमे सख्त निशान ऊतक भी बन जाता है। जब ज़्यादा निशान ऊतक के बन जाता है, तो वो सही से काम नहीं कर पाता है इस स्थिति को लीवर सिरोसिस कहते है।   २) लिवर सिरोसिस होने के क्या लक्षण हो सकते हैं? -भूख न लगना - वज़न घट जाना -थकान और कमज़ोरी जैसा लगना  -पेट में दर्द होना    ३) लीवर सिरोसिस होने के क्या कारण हो सकते हैं? लीवर सिरोसिस होने के कई कारण हो सकते है ,जैसे की- शराब ज्यादा पीना -आनुवंशिक स्थिति-डायबिटीज -उच्च कोलेस्ट्रॉल
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acute necrotizing pancreatic ka bina surgery ilaaj
१) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का बिना ऑपरेशन इलाज ? एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस गंभीर स्थिति है, जिसमें अग्न्याशय पर सूजन हो जाती है। यह स्थिति तब होती है जब अग्न्याशय के ऊतक मर जाते हैं और आसपास के ऊतक को भी प्रभावित करने लग जाते है। - आज के आर्टिकल में एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस रोग के कारण, लक्षण, निदान के विभिन्न बातो पर चर्चा करने वाले है । २) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख कारण क्या है ? एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख कारणों में शराब का ज्यादा सेवन, पित्ताशय की पथरी,उच्च चर्बी वाला आहार, और कुछ दवाइयों का दुरुपयोग शामिल हैं -सबसे आम कारण शराब और पित्ताशय की पथरी ही होते हैं, कुछ मामलें में यह स्थिति ट्रॉमा या संक्रमण के कारण भी विकसित हो सकती है। ३) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के कौन से लक्षण दिखाई देते है ? एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण निचे बताये अनुसार हो सकते है, जैसे की * पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द जो पीठ की ओर फैल सकता है * बुखार और ठंड लगना * मतली या उल्टी * तेजी से हृदय की धड़कन ४) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का निदान? एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का उपचार सामान्य चिकित्सीय इतिहास, शारीरिक परीक्षण और अन्य चिकित्सा परीक्षणों के आधार पर किया जाता है। - रक्त परीक्षण: यह परीक्षण रक्त में एंजाइम्स की मात्रा की जाँच करता है। - सीटी स्कैन: यह विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत छवि प्रदान करता है। नेक्रोसिस की सीमा को समझने में सहायता करता है। - अल्ट्रासाउंड: इससे बाइल डक्ट में पथरी की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है।
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groove pancreatitis kya hai
१) ग्रूव पैन्क्रियाटाइटिस क्या है? एक असामान्य प्रकार का क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस है जो की अग्न्याशय के सिर, ग्रहणी के दूसरे भाग और सामान्य पित्त नली के बीच की जगह को असर करता है। मुख्य ट्रिगर पुरानी शराब का दुरुपयोग है, जो अग्नाशयी रस को अग्नाशयी ग्रहणी नाली में रिसाव में ले जाता है, जिससे सूजन और फाइब्रोसिस हो सकता है।    २) ग्रूव पैन्क्रियाटाइटिस का जाँच कैसे किया जाता है ? ग्रूव पैन्क्रियाटाइटिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जाँच का सहारा लेते है ,जैसे की, - CT Scan  - Ultrasound -रक्त परीक्षण३) ग्रूव पैंक्रियास होने के कौन कौन से लक्षण दिखाई देते है? - पेट के ऊपर भाग में ज्यादा दर्द का होना  - खाना खाने के बाद उल्टी,-वज़न का कम होना, -मतली,  -शराब के ज्यादा उपयोग के कारण प्रतिरोधी पीलिया. ४) ग्रूव पैन्क्रियाटाइटिस के कारण क्या है ? ग्रूव पैंक्रियास के कारण निचे बताये अनुसार हो सकते है।, जैसे की  -शराब का सेवन -पित्त में पथरी  -अनुवांशिक कारक
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wopn pancreatitis kya hai
१) WOPN पैंक्रियाटाइटिस क्या है? WOPN पैंक्रियाटाइटिस एक्यूट पैंक्रियास के नैक्रोटाइज़िंग फेज के बाद होने वाली स्थिति है। नैक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस में पैंक्रियास का ऊतक मृत हो जाता है और इस अवस्था से शरीर में परिवर्तन और जटिलताओं को जन्म देती है। मृत ऊतक के चारों बाजु समय के साथ ही एक सुरक्षा वाली दीवार बन जाता है, इसको WOPN कहते है २) WOPN पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण क्या है? WOPN पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण निचे बताये अनुसार होते है जैसे की , - पेट में बहुत दर्द का होना- बुखार  - वजन का अचानक काम होना - उल्टी और जी मिचलाना ३) WOPN पैंक्रियाटाइटिस का निदान कैसे होता है? WOPN पैंक्रियाटाइटिस का जाँच करने के लिए विभिन्न परीक्षणों की आवश्यकता होती है। जैस की , * सीटी स्कैन * एमआरआई  * खून टेस्ट ४)WOPN पैंक्रियाटाइटिस से बचने के उपाय ? -शराब का कम सेवन  - कम वसा वाला आहार -नियमित स्वास्थ्य परीक्षण - वजन कण्ट्रोल करे
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chronic pancreas kyu hota hai
१) क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस क्यों होता है ? पाचन तंत्र के अलग - अलग रोगों में से एक महत्वपूर्ण समस्या है पैन्क्रियाटाइटिस, जिसमें पैंक्रियास में सूजन हो जाती है। यह दो तरह का होता है: १)एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस २)क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस१)एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिसएक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस में दर्द अचानक से होता है और कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, यदि समय से इलाज न हो तो यह समस्या ज्यादा बढ़ सकती है २) क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिसक्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस लंबे समय तक हो सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं कड़ी कर सकता है। आज का लेख हम आपको क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के कारणों के बारे में चर्चा करने वाले है २) क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस के कारण ? * शराब का ज्यादा सेवन : करने से क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस का सबसे आम और प्रमुख कारण शराब का सेवन है।  * आनुवंशिक कारण : कुछ लोग के परिवार के इतिहास में इस रोग का होना ही इसके विकास की संभावना को और भी बढ़ा सकता है। * ज्यादा चर्बी वाला आहार : लंबे समय तक के सेवन से अग्न्याशय की गतिविधियों में अड़चन कर सकता है, * धूम्रपान : यह अग्न्याशय को सीधे ही नुकसान पहुंचाता सकता है और सूजन भी बढ़ सकती है * कैल्शियम का स्तर : शरीर में अग्न्याशय की नलि में जमा होने से सूजन पैदा कर सकता है।  *** क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस गंभीर स्थिती है इसके बचाव के लिए सही समय पर उपचार करना जरुरी है। इसके लिए समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरुरी है
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bronchitis & colities ka ilaaj
१) ब्रोंकाइटिस & कोलाइटिस का इलाज़ ? ब्रोंकाइटिस और कोलाइटिस दो प्रमुख शारीरिक बीमारी की स्थितियां हैं ,जो की मनुष्य के फेफड़े और पाचन तंत्र को असर करती हैं। ये समस्याएं अक्सर असुविधाजनक हो सकती हैं और इनके लिए उचित उपचार जरुरी होता है। इस आर्टिकल में हम ब्रोंकाइटिस और कोलाइटिस के बारे में बात करने वाले है । २) ब्रोंकाइटिस का इलाज ? ब्रोंकाइटिस फेफड़ों की स्थिति है जिसमें ब्रॉन्कियल ट्यूब्स में सूजन होती है। यह एक श्वसन संक्रमण है जो वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है. इनके कारणों से गले में खांसी, और गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ३) ब्रोंकाइटिस का चिकित्सकीय उपचार? * एंटीबायोटिक्स : यदि डॉक्टर को संदेह है कि ब्रोंकाइटिस होने का कारण बैक्टीरियल संक्रमण है, तो एंटीबायोटिक्स लिख सकते है* स्टेरॉयड्स : सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर स्टेरॉयड्स भी लिख सकते हैं, जिससे लक्षणों में सुधार देखने को मिलता है। ४) कोलाइटिस का इलाज ? कोलाइटिस एक ऐसी स्थिति है जहां पर बड़ी आंत में सूजन आ जाती है। इसके कारण पेट में दर्द, दस्त और आंतों की समस्याएं भी हो सकती हैं।  ५) कोलाइटिस का घरेलू उपचार क्या है ? - आहार में परिवर्तन : उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, प्रोबायोटिक्स, और एलोवेरा जूस का सेवन कोलाइटिस के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।  - योग : तनाव को कम करने के लिए योग प्रभावी हो सकते हैं, जिससे पेट की समस्याओं में कमी देखने को मिलती है
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ulcerative colitis ka homeopathic me ilaaj
१) अल्सरेटिव कोलाइटिस का असरकारक इलाज ? अल्सरेटिव कोलाइटिस आंतो से जुडी एक समस्या है, जो बड़ी आंत में सूजन और जलन की परेशानी होती है । कोलन में छाले हो जाने से उसकी समस्या होती है । इसका समय पर यदि इलाज न करे तो ये आगे चलकर बड़ी समस्या बन जाती है।    २) अल्सरेटिव कोलाइटिस होने के क्या लक्षण दिखाई देते है ? अल्सरेटिव कोलाइटिस के सामान्य लक्षण है, जो की की निचे बताये अनुसार हो सकते है  * दस्त  * पेट में ऐठन होना  * मल के साथ में खून आना * वज़न घट जाना   ३) अल्सरेटिव कोलाइटिस से बचने के लिए क्या करे ? अल्सरेटिव कोलाइटिस से बचने का कोई भी सटीक तरीका तो नहीं है,पर सही से ध्यान रखने से हम बच सकते है  -कम चर्बी वाले आहार का सेवन करना  - डेली kasarat करे  - एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं का सेवन से कुछ राहत मिल सकती है - तनाव को कम करने वाले योग करे
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mesenteric lymph nodes ka ilaaj
१) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स का होमियोपैथी में इलाज ? मानव शरीर में पेट के अंदर स्थित होते हैं ,पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण भाग हैं। लिम्फ नोड्स हेल्थ और इम्यून सिस्टम के फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इनमें सूजन होती है, तो यह चिंता का कारण बन सकता है।२) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कौन से लक्षण होते है ?मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कुछ लक्षण अपेंडिक्स जैसे हो सकते है , -पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द का होना -बुखार -उल्टी या मतली  ३) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण कौन से है ? मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स के कारण नीचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की , -पेट फ़्लू जैसा वायरल संक्रमण -श्वसन का संक्रमण -बैक्टीरियल का संक्रमण ४) मेसेंटेरिक लिम्फ नोड्स से बचने के उपाय ?-पर्याप्त मात्रा में आराम करें.- तरल पदार्थ पीएं -पेट पर गर्म,या नर्म कपड़ा लगाएं- सही से पच जाये ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं.
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homeopathic me pancreas ka ilaaj
१) पैंक्रियास का होमियोपैथी में इलाज ? पैंक्रियास, जिसे अग्न्याशय के नाम से भी कहा जाता है, शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक भाग पैंक्रियास है। यह भोजन के पाचन में मदद करता है और हार्मोन का उत्पादन कर के ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।    २) पैंक्रियास स्वास्थ्य में सुधार के लिए होमियोपैथिक सुझाव? - पैंक्रियास को स्वास्थ्य बनाए रखने और होमियोपैथिक उपचार की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए, निम्नलिखित सुझावों का पालन करना चाहिए  * संतुलित आहार: * नियमित कसरत : * तनाव प्रबंधन: *नियमित डॉक्टर से जांच:   ३) पैंक्रियास ख़राब होने से शरीर में क्या-क्या लक्षण दिखने लगते है ? * वजन घट जाना * पेट में ज्यादा दर्द का होना  * मतली और उल्टी * डायरिया * हाई ब्लड शुगर * थकान और कुपोषण
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appendix ka bina surgery ilaj
1) अपेंडिक्स का बिना सर्जरी इलाज? अपेंडिक्स का अचानक से सूज जाना या उसमें संक्रमण होना एक गंभीर परीस्थिति हो सकती है, जिसे अपेंडिसाइटिस कहा जाता है। नार्मल रूप से चिकित्सा में अपेंडिसाइटिस का इलाज सामान्य रूप से सर्जरी के माध्यम से किया जाता है, जिसे अपेंडेक्टॉमी कहा जाता है। हालांकि, मेडिकल क्षेत्र में हो विकास के कारण अब कुछ वैकल्पिक और गैर-सर्जिकल उपचार भी उपलब्ध हो रहे हैं। आज का लेख अपेंडिक्स के बिना सर्जरी इलाज पर आधारित है 2. नए चिकित्सा के नए विकल्प? हाल ही के वर्षों में, मेडिसिनल थैरेपी के माध्यम से अपेंडिसाइटिस के पीछे संक्रमण के कारकों को कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। अगर मरीज की स्थिति हल्की है और स्थिति इतनी गंभीर नहीं है तो तुरंत सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता हो, तो एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से अपेंडिसाइटिस का इलाज संभव है। लेकिन इस उपचार पद्धति का चयन करने से पूर्व कॉन्सल्टेंट का अनुमति लेना भी जरुरी है। * एंटीबायोटिक्स का उपयोग : एंटीबायोटिक्स के उपयोग से संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स सूजन को कम करती हैं और अपेंडिक्स में संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करती हैं। * जीवनशैली में परिवर्तन : * योग और ध्यान: तनाव और चिंता का शरीर की कई समस्याओं पर प्रतिकूल प्रभाव होता है। योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति बनी रहती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।   3) अपेंडिक्स के लक्षण क्या है ? -पेट के दाहिने निचले हिस्से में दर्द -भूख कम लगना: -बुखार: -गैस और अपच   4. अपेंडिक्स के कारण क्या है ? - अपेंडिक्स में रुकावट (मल, लसीका ऊतक, या अन्य कारणों से)। - बैक्टीरियल संक्रमण। -पेट की चोट या किसी बाहरी दबाव के कारण सूजन।
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pancreatitis ka baar baar attack kyu hota hai
1.पैन्क्रियाटाइटिस का अटैक बार बार क्यों होता है ? अग्न्याशय पेट के पीछे स्थित एक ग्रंथि है जो पाचन एंजाइम और हार्मोन का निर्माण करते है। पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब एंजाइम अग्न्याशय के अंदर ही सक्रिय हो जाते हैं, और परिणाम स्वरूप सूजन और क्षति होती है।    2. पैन्क्रियाटाइटिस के अटैक बार-बार होने के प्रमुख कारण? * वायरल संक्रमण,* शराब का अधिक सेवन* पित्ताशय की पथरी* आनुवांशिक कारक*अस्वास्थ्य आहार* अधिक दवाएं का सेवन 3. पैन्क्रियाटाइटिस अटैक से बचने के लिए सुझाव? - कम शराब का सेवन करना - स्वस्थ आहार का उपयोग - नियमित डॉक्टर से जाँच  -डॉक्टर के सलाह का पालन करना  - इन उपायों का पालन करके व्यक्ति पैन्क्रियाटाइटिस के बार-बार होने वाले अटैक से बच सकता है
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pancreatitis me tumor hone se jaundice kyu hota hai
१)पैन्क्रियाटाइटिस में ट्यूमर होने से जॉन्डिस क्यों होता है ? पैन्क्रियास शरीर का एक ऐसा भाग है , जो की शरीर में पाचन एंजाइम और हार्मोन जैसे इंसुलिन का उत्पादन करता है। यह पेट के पीछे स्थित होता है और इसके सामान्य कार्य में रुकावट कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। - ऐसी ही एक गंभीर समस्या है ट्यूमर के कारण पैन्क्रियाटाइटिस में जॉन्डिस का होना । २) पैन्क्रियास में ट्यूमर और जॉन्डिस का संबंध क्या है? पैन्क्रियास में ट्यूमर, इसके सिर वाले भाग में होता हैं, पित्त नली या बाइल डक्ट को संकुचित कर सकते हैं।  - बाइल डक्ट वह नलिका है , जिसके माध्यम से पित्त लिवर से छोटी आंत में जाता है। जब ट्यूमर इस नली को अवरुद्ध करते है, तो पित्त का प्रवाह बाधित होने लग जाता है, और यह लिवर में इकट्ठा होने लगता है। इस स्थिति में बिलीरुबिन का स्तर रक्त में बढ़ जाने से जॉन्डिस की स्थिति होती है।  ३) पैन्क्रियास में ट्यूमर के कारण हुए जॉन्डिस के लक्षण क्या हैं? -आंखों का पीलापन होना -खुजली -गहरे रंग का मूत्र -वजन घट जाना - पेट में दर्द का होना  - इन लक्षणों के दिखने से डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, जैसे परीक्षणों का सुझाव दे सकते हैं। ये परीक्षण ट्यूमर के स्थान, आकार और उसकी जॉन्डिस में भूमिका को समझने में मदद करते हैं।
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