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chronic calcific pancreas best treatment
१)क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का असरकारक इलाज ? क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस एक लंम्बे समय की स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें पैंक्रियास में स्थायी रूप से सूजन और कैल्सिफिकेशन हो जाता है। यह स्थिति शराब के ज्यादा सेवन, आनुवंशिक कारणों, या कुछ चयापचय विकारों के कारण से विकसित होती है।  - इस रोग में पैंक्रियास अच्छे से एंजाइम और इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है , जिससे पाचन और रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में कठिनाई होती है। २) क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस के लक्षण ? * पेट के ऊपरी हिस्से में ज्यादा दर्द का होना , कब्ज या डायरिया,  * वजन घट जाना , * डायबिटीज    ३) क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का निदान ? क्रोनिक कैल्सिफिक पैन्क्रियाटाइटिस का निदान करने के लिए डॉक्टर कई प्रकार के जाँच का सहारा लेते हैं। इनमें अल्ट्रासाउंड, -सी.टी. स्कैन, - एम.आर.आई., -रक्त परीक्षण प्रमुख हैं। इन जाँच के माध्यम से अग्न्याशय के कैल्सिफिकेशन और सूजन का पता लगाया जा सकता है
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pancreatitis se pareshan logo ko diabetes kyu hota hai
1) पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित लोगों को डायबिटीज़ क्यों होता है? पैंक्रियाटाइटिस और डायबिटीज़ दोनों ही स्वास्थ्य के लिए गंभीर स्थितियाँ हैं, जिनका उपचार समय पर होना ज़रूरी है। जहाँ पैंक्रियाटाइटिस मुख्य रूप से अग्न्याशय की सूजन से जुडा है, और डायबिटीज़ शरीर में इंसुलिन की कमी से संबंधित होती है। हालांकि ये दोनों स्थितियाँ अलग-अलग स्वास्थ्य के मुद्दे हैं, परंतु इनका एक-दूसरे के साथ गहरा संबंध है। 2) पैंक्रियाटाइटिस और ग्लूकोज मेटाबॉलिज़्म? अग्न्याशय का प्रमुख कार्य शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करना है। यह इंसुलिन और ग्लूकागोन जैसे हार्मोन बनाता है जो की ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाये रखते हैं। जब पैंक्रियाटाइटिस की वजह से अग्न्याशय की कोशिका को नुकसान होता हैं, तो इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है। - इंसुलिन की कमी से हमारे शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करते है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अधिक हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप डायबिटीज़ का खतरा बढ़ सकता है। 3 ) पैंक्रियाटाइटिस से डायबिटीज़ के कुछ जोखिम कारक ? * पारिवारिक इतिहास :- जिन लोगों के परिवार में पैंक्रियाटाइटिस या डायबिटीज़ का इतिहास होता है, उनमें इस बीमारी के विकसित होने की संभावना अधिक होती है।  * अधिक वजन और मोटापा  * अधिक शराब का सेवन करना
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bacho me pancreas ka ilaaj kse kre
१) बच्चो में पैंक्रियास का इलाज कैसे करे? पैंक्रियास यह गंभीर बीमारी है, जिसमें पैन्क्रियास में सूजन देखने को मिलती है यह समस्या बच्चों में कम देखने को मिलती है, लेकिन जब यह होता है , तो इसके इलाज की गंभीरता को समझना जरुरी है। - बच्चों में पैंक्रियास का कारण, लक्षण, और उपचार जानना बहुत जरूरी है ताकि माता-पिता सही समय पर उपचार करा सकें। २) बच्चो में पैंक्रियास के कारण क्या है ? बच्चो में पैंक्रियास के कई कारण हो सकते हैं। इनमें प्रभावशाली कारण देखने को मिलते है जैसे की , -जनेटिक म्यूटेशन, -वायरल इंफेक्शन, -दवा के दुष्प्रभाव, -पित्ताशय की पथरी कुछ मामलों में, कारण का पता लगाना मुश्किल होता है, और इसे इडियोपैथिक पैंक्रियास कहा जाता है। ३)बच्चो में पैंक्रियास के लक्षण की पहचान कैसे होती है ? बच्चों में पैंक्रियास के लक्षण बड़ों मरीज से अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण देखने को भी मिलते है जैसे की -पेट में तेज दर्द का होना , -उल्टी,  -भूख में कमी होना  ४) पैंक्रियास के उपचार की विधि? -पैंक्रियास वाले बच्चों के लिए लंबे समय तक देखभाल, उचित आहार पालन, और नियमित चिकित्सा जांच आवश्यक होती है। अग्न्याशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये कदम जरूरी होते हैं:  * फॉलो-अप : डॉक्टर के साथ डेली जांच से किसी भी जटिलता को जाना जा सकता है * आहार का ध्यान रखना : कठिनाई से पचने वाले खाद्य पदार्थों से बचें, और संतुलित आहार ले । * शारीरिक गतिविधि : स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करना जरुरी है
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pancreatitis me kon se exercise kar sakte hai
१ ) पैंक्रियाटाइटिस में कौन से एक्सरसाइज कर सकते है? पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पैंक्रियास में सूजन होती है। यह स्थिति अचानक से अक्यूट पैंक्रियास भी हो सकती है या लम्बे समय के बाद क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के रूप में भी हो सकती है। -पैंक्रियाटाइटिस से ग्रस्त मरीज को अपने स्वास्थ्य का बहुत ही ध्यान रखना पड़ता है, जिसमें सही चिकित्सा, सही आहार और नियमित व्यायाम शामिल हैं। - पैंक्रियाटाइटिस के होने पर कौन से व्यायाम करना अच्छा है ,जो हम इस आर्टिकल के बारे में चर्चा करेंगे २) पैंक्रियाटाइटिस के लिए योग्य व्यायाम कौन सा है ? -भुजंगासन (Cobra Pose): यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है और सहनशक्ति को बढ़ाता है। -वज्रासन (Thunderbolt Pose):यह आसन पाचन क्रिया को सुधारता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। - पैदल चलना ३) पैंक्रियाटाइटिस में योग्य करने से पहले कौन कौन से बातो का ध्यान रखना चाहिए ? - डॉक्टर से परामर्श : किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना जरुरी है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि व्यायाम आपके स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति के अनुकूल है या नहीं  -नियंत्रित आहार: यह शरीर की ऊर्जा को सही बनाए रखने में मदद भी करेगा।  -हाइड्रेशन पर ध्यान: सही मात्रा में पानी पीने से शरीर में लिक्विड का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है,जो व्यायाम के दौरान आवश्यक होता है।
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pancreatitis ka chamatkari ilaaj
१ ) पैंक्रियाटाइटिस का चमत्कारी इलाज ? पैंक्रियाटाइटिस यह शब्द सुनते ही लोगों के मन में एक भय हो सकता है । यह एक ऐसी स्थिति है, जो पैंक्रियाज के सूजन से जुड़ी होती है, अग्न्याशय जो हमारे पेट के पीछे स्थित होता है और यह पाचन में अहम रोल निभाता है। - यह इंसुलिन और ग्लूकागॉन जैसे हार्मोन्स का उत्पादन भी करता है, जो की शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं। जब अग्न्याशय में सूजन आ जाती है, तो यह उसके कार्य करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और इससे पाचन और हार्मोनल संतुलन बाधित हो सकता है। २) पैंक्रियाटाइटिस होने पर कौन-कौन से लक्षण देखने को मिलते है ? पैंक्रिअटिटिस के लक्षण हल्के से गंभीर भी हो सकते हैं, आमतौर पर पैंक्रियाटाइटिस में पाए जाने वाले लक्षण निम्नलिखित हैं:  -पेट में सूजन और कोमलता -भूख भी कम लगना और अपच होना -वजन का घट जाना -आँतों की गति में कमी ३) पैंक्रियाटाइटिस से बचने के उपाय? पैंक्रियाटाइटिस से बचने के लिए कुछ उपाय बताये गए है ,जिसे की  -संतुलित आहार का सेवन करें, जिसमें फल, सब्जियाँ, और अनाज शामिल हों। - कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करें। -नियमित व्यायाम करें जिससे वजन नियंत्रित रहे।
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ovarian cyst fatne se kya hota hai?
१) ओवरी सिस्ट फटने से क्या होता है? महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग हैं और यह हानिरहित होता हैं। हालांकि, कभी-कभी यह सिस्ट फट भी सकता हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता हैं। इस आर्टिकल में, हम ओवरी सिस्ट के फटने के परिणाम स्वरूप होने वाली जटिलताओं, उनके लक्षणों और उपचार के तरीकों को विस्तार से समझेंगे। २) ओवरी सिस्ट क्या है? ओवरी सिस्ट (अंडाशय की पुटिका) तरल पदार्थ से भरी थैली होती हैं, जो अक्सर महिला के अंडाशय में बनती हैं। अधिकांश ओवरी सिस्ट हानिरहित होती हैं और समय के साथ ही गायब हो जाती हैं। -फॉलिक्रुलर सिस्ट: यह तब बनती है जब अंडाशय फॉलिकल टूटने में विफल रहता है और सीरम तरल पदार्थ से भर जाता है। -कॉर्पस ल्युटेम सिस्ट: यह तब बनती है जब फॉलिकल टूटने के बाद अंडाणु छोड़ता है और वह फॉलिकल तरल पदार्थ से भर जाता है। ३)ओवरी सिस्ट के फटने के कारण क्या है? ओवरी सिस्ट फटने के कई कारण हो सकते हैं, जोकि निचे बताये अनुसार है , -सिस्ट का आकार: बड़ी सिस्ट के फटने की संभावना अधिक होती है। -शारीरिक गतिविधि: भारी शारीरिक गतिविधि, व्यायाम, या संभोग के दौरान सिस्ट फट सकती हैं। -हार्मोनल परिवर्तन: मासिक धर्म चक्र के विभिन्न चरणों में हार्मोनल उतार-चढ़ाव भी इसे प्रभावित कर सकते हैं। ४) फटी हुई ओवरी सिस्ट के लक्षण क्या है ? जब एक ओवरी सिस्ट फटती है, तो यह निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न कर सकती है: -तीव्र पेट दर्द: निचले पेट में अचानक और गंभीर दर्द महसूस हो सकता है। -सूजन और क्लेम्पिंग: पेट की सूजन या ऐंठन हो सकती है। -रक्तस्राव: योनि से असामान्य रक्तस्राव देखा जा सकता है।
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acute pancreatic pancreas treatment in hindi
१) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का असरकारक इलाज? -तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो पैंक्रियास के सूजन का ही परिणाम होता है। इस स्थिति में अग्नाशय के ऊतक नुकसान पहुंचते हैं और वे मरने लगते हैं (नेक्रोटाइज़िंग प्रक्रिया), जिससे मरीज को गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। यदि समय पर उचित इलाज इलाज न हो तो यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। २) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ का परिक्षण और निदान? तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ कुछ टेस्ट को पहले प्राथमिकता दी जाती है जिसमे MRI या CT स्कैन द्वारा अंगों की स्थिति का पता लगया जाए। - रक्त परीक्षण और लिपेज या अमिलेस एंजाइम के स्तर की जांच भी करना आवश्यक होता है। यह निदान की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण होती है ३) तीव्र नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ के कारण ? - अनुवांशिक कारण -गॉलस्टोन्स -उच्च वसा वाले आहार -बहुत ही शराब का सेवन
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pancreas ke dard ko kse pata laga sakte hai
1) पैंक्रियास के दर्द को कैसे पहचाने ? अग्नाशयशोथ का दर्द आमतौर पर हमारे पेट के ऊपरी मध्य या बाएं हिस्से से शुरू होता है, और यह आपकी पीठ या बाएं कंधे की हड्डी तक फैल सकता है। यह आमतौर पर मरीज को अचानक से ही दर्द आता है और फिर लगातार बढ़ता जाता है, और यह कई दिनों तक दर्द रह भी सकता है। 2) अग्नाशयशोथ होने का कारण क्या -क्या हो सकता है ? अग्नाशयशोथ होने का कारण बताये अनुसार हो सकते है ,जैसे की  -अधिक दवा का सेवन करना- गैल्स्टोन-बहुत ज़्यादा शराब पीना 3) अग्नाशयशोथ के लक्षण कौन-कौन से है? अग्नाशयशोथ होने का लक्षण बताये अनुसार हो सकते है ,जैसे की-मतली और उल्टी- वजन कम होना -पेट में कोमलता-अधिक पेट में दर्द का होना 4 )अग्नाशयशोथ का होमियोपैथी में सही इलाज क्या है ? क्या अग्नाशयशोथ दर्द का कारण बनता है? और अगर ऐसा है, तो इसे दर्द के रूप में कैसे पहचाना जाए? यह सवाल आम तौर पर कई रोगियों द्वारा पूछा जाता है। तो, अगर आप विस्तार से समझें, तो अग्नाशयशोथ दो प्रकार का होता है, तीव्र और जीर्ण। और रोगी या तो तीव्र चरण या जीर्ण चरण में होता है।और यह दो तरह से जुड़ा हुआ है। ज्यादातर मामलों में, यह जीर्ण और तीव्र चरण में विकसित होता है। यह मानक तरीका है जिससे रोगी हमेशा दर्द से जुड़ा होता है। दर्द ज्यादातर अग्न्याशय के बाईं ओर होता है। यह केंद्र में भी हो सकता है। और यह यहाँ से शुरू होता है और पीछे की तरफ फैलता है।बाद उल्टी होती है। यह एक विशिष्ट प्रस्तुति है। पेट में दर्द और यह पीछे की तरफ फैलता है।और इसके बाद उल्टी होती है। आप तीव्र अग्नाशयशोथ के लगभग सभी मामलों में यह तस्वीर देख सकते हैं। और जीर्ण अग्नाशयशोथ के कुछ मामले हैं। मामलों में, रोगी कभी भी दर्द से जुड़ा नहीं होता है। लेकिन समय बीतने के साथ पता चलता है कि मरीज को क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस, एट्रोफी, डायबिटीज़ आदि है। यह एक ऐसा मामला है जिसमें पैन्क्रियाज़ एंजाइम नहीं बनाता है।और इसे एक्सोक्राइन इनसफीशिएंसी कहते हैं। और इसी वजह से क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस विकसित होता है। यह समूह बहुत कम लोगों में देखा जाता है।और ज़्यादातर मामलों में यह दर्द से जुड़ा नहीं होता है। वरना अगर आप ओवरऑल देखेंगे तो 90 में से 100 यानी 95% मामलों में मामला एक्यूट पैन्क्रियाटाइटिस से शुरू होता है। और यह हमेशा दर्द से जुड़ा होता है। और मैंने आपको इसके खास लक्षण भी बताए। और यह खास लक्षण पैन्क्रियाटाइटिस समूह में देखा जा सकता है।
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acute necrotizing pancreas hone ka karan kya hai
१) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस होने का क्या कारण है ? नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब आपके अग्न्याशय में सूजन या चोट लगती है, और अग्नाशयी एंजाइम लीक होने लग जाते हैं। यह अग्न्याशय के ऊतक को नुकसान पहुंचाते है। इस क्षति को उलटा नहीं किया जा सकता है, तो यह नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का कारण बनते है। कुछ मामलों में, ऊतक संक्रमित हो सकते हैं। यह बैक्टीरिया से होता है जो की मृत ऊतक में फैल जाते हैं। *** एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस होने का कारण निचे बताये अनुसार हो सकता है जैसे की  -अधिक दवा का सेवन करना --खून में कैल्सियम का अधिक स्तर , पित्ताशय की पथरी होना ,और बहुत ज़्यादा शराब पीना २) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का खतरा किसे है?- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है जो की अग्नाशयशोथ का कारण बन सकती है, तो आपको एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का जोखिम अधिक हो सकता है। इसमें पित्त पथरी शामिल है। आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति का इलाज करके एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के जोखिम को कम भी कर सकते हैं। जिसमे कम शराब पीने से भी आपका जोखिम कम हो सकता है। 3) एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में वजन न बढ़ने का कारण क्या है ? *** एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस में वजन न बढ़ने का कारण निचे अनुसार हो सकते है ,जैसे की , -पोषण की कमी-विटामिन अवशोषण में कमी संक्रमण और सूजन  ४) होमियोपैथी में एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैन्क्रियाटाइटिस का सही इलाज ? यह कोलकाता का एक 35 वर्षीय पुरुष रोगी है, जिसे तीव्र नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक हुआ है।अटैक के बाद उसे 15 दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मलबे का भी निर्माण हुआ था।इसे WOPN वियर-आउट पैंक्रियाटिक नेक्रोसिस जैसा संग्रह कहा जाता है।उसका ड्रेनेज किया गया है और ड्रेनेज ट्यूब भी लगाई गई है। यह कहानी 3 महीने से चल रही है।3 महीने पहले हुआ था और ड्रेनेज ट्यूब 3 महीने से लगी हुई है।वियर-आउट पैंक्रियाटिक नेक्रोसिस को भी निकाल दिया गया है।ड्रेनेज ट्यूब में अभी भी कुछ संग्रह है।अब, हमें उसके परिवार ने पूछा है कि उसका वजन नहीं बढ़ रहा है।कृपया हमें उसका वजन बढ़ाने का कोई उपाय बताएं।तो, यहाँ आपको बहुत गहरी समझ की आवश्यकता है। अगर मामला एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस का है, घिसा हुआ संग्रह है, ड्रेनेज है, तो सबसे पहले आप समझिए कि आप खतरे से बाहर हैं।अब एक साल तक अपना वजन बढ़ाना भूल जाइए।वजन पर ध्यान मत दीजिए।किसी मरीज को एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक होता है, तो मृत्यु दर होती है।लोगों में से करीब 10% लोगों की मृत्यु दर होती है।इस मामले को बहुत हल्के में मत लीजिए। अगर आप यहां से पार करने के बाद ड्रेनेज ट्यूब के चरण में हैं, और वजन नहीं बढ़ रहा है, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।अगले साल वजन के पीछे मत जाइए।वजन पर ध्यान मत दीजिए। आप सही इलाज लीजिए।अगर आप ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े हैं,तो इसकी दवा लीजिए। खान-पान का सही तरीके से पालन कीजिए। आराम कीजिए।मानसिक रूप से तनावमुक्त रहिए। किसी भी नकारात्मक चीज़ के संपर्क में न रहें या ऐसी चीज़ों को पसंद न करें जो आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।धैर्य रखें। क्योंकि इस चरण से बाहर आना पहली प्राथमिकता है।वजन बढ़ाना पहली प्राथमिकता नहीं है।अगले साल वजन बढ़ेगा।इसलिए, इस बात पर ध्यान दें कि क्या खाना है, कैसे जीना है, जीवन की गुणवत्ता कैसे सुधारनी है, अपने जीवन की देखभाल कैसे करनी है, कैसे आराम करना है।अब, जब आप सही दवाओं के साथ ऐसा करेंगे, तो धीरे-धीरे आपके मामले में सुधार होगा।4-6 महीने तक चलेगाइसके बाद, आपका स्वास्थ्य थोड़ा बेहतर दिखने लगेगा। और लगभग एक साल बाद, आपका वजन फिर से बढ़ना शुरू हो जाएगा। लेकिन मैं आपको इस वीडियो में यह ज़रूर बताऊँगा कि अगर एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस अटैक है, संग्रह है, और एक ड्रेनेज ट्यूब है, और आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वजन कैसे बढ़ाया जाए, तो इस बिंदु के बारे में सोचें भी नहीं।आपको लग सकता है कि वजन बढ़ना स्वास्थ्य के बराबर है।तो, इस समय यह एक गलत गणना है। आप ऐसा तैलीय, वसायुक्त आहार देंगे जिससे दूसरा अटैक या ट्रिगर होगा, तो आप ज़्यादा ख़तरे में होंगे।तो, ऐसा मत करो। आराम से रहो।तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।एक साल बाद, तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।लेकिन इंसान हमारे साथ हैं।तो, सबसे पहले, ठीक हो जाओ।अग्नाशय को स्वस्थ होने दो।सिस्टम को ठीक होने दो। धीरे-धीरे, तुम्हारा वज़न बढ़ेगा।
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pancreas ka sarir me kya karya hota hai
१) पैंक्रियास का शरीर में क्या कार्य होता है ? पैंक्रियास हमारे शरीर पाचन तंत्र का मुख्या हिस्सा है। जो की इंसुलिन का उत्पादन करता है और तरल पदार्थ स्रावित करता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है। २) एक्यूट पैंक्रियास क्यों होता है? -एक्यूट पैंक्रियास मरीज को अचानक से होने वाली सूजन है जो थोड़े समय तक तो रहती है। ज़्यादातर मरीज जो इससे पीड़ित होते हैं, यदि सही उपचार मिलने के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, एक्यूट अग्नाशयशोथ रक्तस्राव, गंभीर ऊतक क्षति, संक्रमण और सिस्ट का कारण बन सकता है । 3) Acute Pancreas के लक्षण ? *** एक्यूट पैंक्रियास के लक्षण निचे बताये अनुसार हो सकते है जिसे की , -ऊंचे ब्लड शुगर का स्तर  -पेट दर्द, -उल्टी, ४) होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियास का सही इलाज ? मुझे 23 मार्च, 2020 को पहला तीव्र अग्नाशयी दौरा पड़ा। मैं 6 दिनों तक आईसीयू में रहा। फिर मुझे एंजाइम और फैटी एसिड के लिए एलोपैथी दवाएँ दी गईं।एलोपैथी अग्नाशय की बीमारी का इलाज नहीं है। मुझे ये दवाएँ सहायता के लिए दी गईं। फिर मुझे ब्रह्म होम्योपैथी के बारे में पता चला।मैंने डॉक्टर प्रदीप से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि यह एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है। हमने इसे शुरू किया।आज 1 अप्रैल, 2024 है। पिछले हफ़्ते मेरा MRI एक साल बाद किया गया था। अब मैं ऐसी स्थिति में हूँ जहाँ मेरा अग्न्याशय पूरी तरह से सामान्य है।मेरी सभी एलोपैथी दवाएँ बंद हैं। डॉक्टर प्रदीप का शुक्रिया, मुझे अपनी सभी होम्योपैथी दवाओं से मुक्ति मिल गई है। मैं कह सकता हूँ कि मुझे कभी दिल का दौरा नहीं पड़ा।लेकिन जहाँ तक मैंने देखा है, यह दिल के दौरे जैसा ही है। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैं गाड़ी चला रहा था और अचानक मुझे यह दर्द हुआ।मुझे रास्ते में कार रोकनी पड़ी। मुझे एम्बुलेंस बुलानी पड़ी। मैं एम्बुलेंस में अस्पताल गया। मैं इतना चिल्ला रहा था कि मुझे कुछ भी याद नहीं था। मैं बहुत दर्द में था। उन्होंने मुझे दो दिन तक कुछ भी खाने को नहीं दिया।फिर मेरा अग्न्याशय फिर से सक्रिय हो गया। एक लक्षण यह था कि यह बहुत दर्दनाक था। उसके बाद भी, जब भी मैं खाता था, तो थोड़ा दर्द होता था।फिर आपने मुझे एक आपातकालीन दवा दी। जब भी मुझे थोड़ा दर्द महसूस होता था, मैं इसे ले लेता था। मैंने इसे पिछले 5-6 महीनों से नहीं लिया है।ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। लेकिन पहले, मुझे इसे महीने में दो बार लेना पड़ता था। अब, पिछले 5-6 महीनों से, कोई दर्द नहीं है। मैं पूरी तरह से सामान्य महसूस करता हूँ। हर कोई बहुत सहयोगी था। खासकर आप, प्रदीप कुशवाहा। जब भी मैं यहाँ से 3 घंटे के लिए बाहर रहता हूँ, तो आम तौर पर, मैं उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बात करता था। और दवा मेल में आती थी। मुझे हमेशा समय पर दवा मिली है। जब भी मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस में जल्दी में होता था, तो वे मेरी बात नहीं सुनते थे। चलो दवा जारी रखते हैं। उन्होंने मेरी बात सुनी। वो मेरे सारे सवालों के जवाब देते थे. वो मुझसे कहते थे कि धैर्य रखो. ये हो जाएगा. और ये हो रहा है. मेरी यात्रा बहुत सहज रही है. मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई. मैं यहाँ दो बार व्यक्तिगत रूप से आ चुका हूँ. जब भी मुझे रिपोर्ट मिलती थी. पहली बार तब जब मैंने दवाई शुरू की थी. फिर 6 महीने बाद मुझे रिपोर्ट मिली. फिर मैं डॉक्टर को दिखाने आया. आज मैं एक साल बाद वापस आया हूँ. और हर बार मैंने आपसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बात की है. मैं कहूँगा, आराम के स्तर पर, यानी दर्द का स्तर, अगर आप 1 से 10 तक पर विचार करें, पहले मेरा दर्द और असहजता का स्तर, ये 8 हुआ करता था. अब ये 2 पर आ गया है. मुझे अब ऐसा नहीं लगता कि मैं बीमार हूँ. मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं बीमार हूँ. आप मुझे दवाई शुरू करने के लिए कह रहे हैं. मैं कर रहा हूँ. मैं इस स्थिति में हूँ. मैं आपको इतना बता सकता हूँ. यानी, अभी मैं बिल्कुल सामान्य महसूस कर रहा हूँ. सामाजिक जीवन से, ईमानदारी से, सेक्स जीवन से, सब कुछ प्रभावित हुआ है. आज एक साल बाद मैं वही इंसान हूँ जो इस अटैक से पहले था। सब कुछ फिर से सामान्य हो गया है। मैं दो चीजों से सलाह लेता हूँ। पहली, एलोपैथी में पैंक्रियाटाइटिस की कोई दवा नहीं है। जहाँ तक, मैं जितने भी एलोपैथिक डॉक्टर से मिला, उनसे मुझे पता चला कि वे आपको एंजाइम देंगे, जो पैंक्रियाज को सपोर्ट करेंगे, एंजाइम बनाने के लिए। लेकिन, ऐसा नहीं है कि एक्टिव पैंक्रियाटाइटिस कभी नहीं होगा। मैं उस हिस्से को बहुत अच्छी तरह समझता हूँ कि अटैक कभी भी आ सकता है। इसके लिए मुझे डाइट, शराब से दूर रहना होगा। मैं यह सब जानता हूँ। और मुझे यह खुद ही करना होगा। लेकिन, साथ ही, होम्योपैथी जो मुझे सपोर्ट दे रही है, जो एलोपैथी नहीं दे पा रही है, वह बहुत मददगार है। अगर, 1 अच्छा स्वास्थ्य है, और 10 खराब स्वास्थ्य है, तो 2, नहीं, नहीं, 10 सबसे अच्छा स्वास्थ्य है। अगर 10 सबसे बढ़िया स्वास्थ्य है, तो मैं 8 हूँ। सबसे पहला श्रेय मैं खुद को दूँगा, कि मैं हर उस चीज़ को नियंत्रित करने में सक्षम था, जिसे नियंत्रित करने की ज़रूरत थी। मैंने पिछले एक साल से, और अब एक हफ़्ते से, शराब का एक घूँट भी नहीं पिया है। दूसरा, मैं अब बहुत जिद्दी हो गया हूँ, कि मुझे खाना है, घी, तेल, दूध, जो भी वसायुक्त है, मुझे उसे ध्यान से खाना है या नहीं। एक साल हो गया है, कि मैंने तला हुआ खाना खाया है। एक साल हो गया है। अगर मेरा मन करता है, तो मैं खा लेता हूँ।लेकिन, दूसरा, मैं कहूँगा, होम्योपैथी ने मुझे उस 8 तक पहुँचने में बहुत मदद की है। जैसा कि मैंने कई बार कहा है, इस साक्षात्कार के दौरान, और मैं इसे फिर से कहूँगा, कि ब्रह्मा होम्योपैथी, और डॉ. प्रदीप  ने, मेरे लेवल 2 स्वास्थ्य से, लेवल 8 स्वास्थ्य तक, यह बदलाव बहुत सहजता से किया है। और वे बहुत सहायक हैं। और उन्होंने न केवल होम्योपैथी के लाभों के बारे में बताया है, बल्कि यह भी बताया है कि मुझे कहाँ काम करना है, अपने आप से। कि सिर्फ़ दवाइयाँ मुझे नहीं बचा सकती, मुझे क्या करना है। उन्होंने साफ़-साफ़ समझाया है। और, इस वजह से, मैं उनका बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ। आपकी टीम बहुत सहयोगी है। जब भी मैंने फ़ोन किया है, जब भी मुझे वीडियो कॉन्फ़्रेंस से बात करनी है, जब भी उन्होंने कहा है, कि आपको 1 से 2 बजे तक फ़ोन आएगा, उन्होंने कभी भी असभ्य व्यवहार नहीं किया है। आपकी टीम हमेशा सहयोगी रही है। मैं अपनी बात समाप्त करना चाहूँगा, एक हद तक कि, मेरी पत्नी होम्योपैथी में विश्वास नहीं करती है, और आज वो होम्योपैथी की मरीज़ है, मैं उसे यहाँ लाया हूँ। तो, मुझे लगता है कि कोई, अगर मैं अपनी पत्नी को लाऊँ, तो मुझे लगता है कि वो, सबसे ज़्यादा, मैं आपको इसके बारे में बता सकता हूँ।
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acute pancreas & necrotizing pancreas kyu hota hai
१) एक्यूट पैंक्रियास & नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास क्यों होता है ? -एक्यूट अग्नाशयशोथ अचानक से होने वाली सूजन है जो थोड़े समय तक रहती है। लेकर गंभीर, जानलेवा यह हल्की असुविधा सेबीमारी तक हो सकती है। ज़्यादातर लोग जो इससे पीड़ित होते हैं, सही उपचार मिलने के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। गंभीर मामलों में, एक्यूट अग्नाशयशोथ रक्तस्राव, गंभीर ऊतक क्षति, संक्रमण और सिस्ट का कारण बन सकता है ।  नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास - अल्कोहोल पीने से या अजीर्ण समस्याओं के कारण पैंक्रियास की शक्ति कमजोर हो जाती है, जो कि नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, अन्य विषाणुजन्य इंफेक्शन भी शरीर को कमजोर बना सकते हैं और पैंक्रियास को संक्रमण होने की संभावना बढ़ा सकते हैं। त्रैमात्मक चोटों के कारण भी पैंक्रियास पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास की संभावना बढ़ जाती है। २) एक्यूट पैंक्रियास & नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास होने के लक्षण क्या - क्या है ? अचानक से उत्पन्न हुई पेट की पित्ताशय समस्याएं अक्सर असहनीय होती हैं और सही समय पर इनका पता नहीं लगता है  -- एक्यूट पैंक्रिएटाइटिस के लक्षणों में -पेट का दर्द, -उल्टी,  -अधिक शराब पीना और दवाओं के अवयव में मिश्रण के कारण -तेजी से बढ़ता बुखार, -ऊंचे ब्लड शुगर का स्तर नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास के लक्षणों में -अल्कोहोल, -गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल इंफेक्शन -कैल्शियम का उच्च स्तर -कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर ४) होमियोपैथी में एक्यूट पैंक्रियास और नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियास का इलाज ? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस और एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस में क्या अंतर है? एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में, इस स्थिति में, अग्न्याशय के सिर, शरीर या पूंछ में, या एक से अधिक स्थानों पर, सूजन संबंधी परिवर्तन होंगे। यह सूजन और सूजन की स्थिति है, और इस स्थिति को एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है। लेकिन नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस एक बहुत ही खतरनाक और जानलेवा स्थिति है। और इस स्थिति में, अग्न्याशय में, ऊतकों में, कोशिकाओं में सूजन के साथ-साथ नेक्रोसिस भी शुरू हो जाता है। और वहाँ, रक्तस्राव, रक्त वाहिका से रक्तस्राव के कारण, वहाँ रक्त के थक्के दिखाई देंगे। और यह एक जानलेवा स्थिति है। अगर आप इसकी गहराई को देखें, तो इस स्थिति में लगभग 10% लोग मर सकते हैं। यह एक तरह का ऐसा मामला है जहाँ मृत्यु दर बहुत अधिक है। तो, अगर आप दोनों चीजों की तुलना करें, तो एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस एक्यूट नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाटाइटिस से ज्यादा खतरनाक, जानलेवा और बुरी स्थिति है।
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pancreas cysts kya hai?
१) पैंक्रियास सिस्ट क्या है ? पैंक्रियास आपके शरीर को रक्त शर्करा को नियंत्रित और भोजन को पचाने में मदद करता है। कभी-कभी अग्न्याशय के अंदर सिस्ट विकसित होने लगते हैं। ये छोटी, तरल पदार्थ से भरी थैलियाँ आमतौर पर कोई लक्षण पैदा नहीं करती हैं, और ज़्यादातर लोगों को पता भी नहीं चलता कि उनमें ये हैं। "60 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 10% से 20% लोगों में अग्न्याशय सिस्ट होते हैं।" इनमें से अधिकांश सौम्य होते हैं और कभी समस्या उत्पन्न नहीं करते। लेकिन अगर आपको अग्न्याशय सिस्ट है, तो आपको अग्नाशय कैंसर होने की अधिक संभावना है । २) पैंक्रियास सिस्ट के लक्षण क्या है ? ज़्यादातर सिस्ट के कारण कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन कुछ ऐसे संकेत हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है। इनमें मतली , उल्टी, पेट में सूजन और पेट में दर्द शामिल हैं। -यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक महसूस हो रहा है और उसमें कोई आराम नहीं मिल रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। ३) पैंक्रियाज के एट्रोफी का क्या अर्थ है? - एट्रोफी का मतलब है कि कोई चीज छोटी हो रही है, जैसे कोई खिलौना आकार में सिकुड़ रहा है। एट्रोफिक क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस तब होता है जब पैंक्रियाज छोटा हो जाता है क्योंकि यह लंबे समय तक बीमार रहता है। यदि इस स्थिति वाला कोई व्यक्ति बहुत पतला दिखता है, तो यह इस बात का संकेत है कि स्थिति बिगड़ने से पहले उन्हें मदद की आवश्यकता है। ४) होमियोपैथी में पैंक्रियास सिस्ट और एट्रोफी पैंक्रियास का इलाज ? आज, इस वीडियो में, हम आपको एट्रोफी केस के साथ क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस दिखाएंगे, जहां स्यूडोसिस्ट की एक बड़ी साइट भी है। और जब उनका इलाज ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में किया गया, तो एक आश्चर्यजनक परिणाम सामने आया। आइए इसे विस्तार से देखें. मरीज का नाम श्रीमान है. पंकज कुमार. और वह गुजरात के एक जिले महेसाणा से हैं. उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा और ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में इलाज शुरू किया।इलाज के समय सोनोग्राफी करायी गयी. सोनोग्राफी की रिपोर्ट से पता चलता है कि अग्न्याशय का सिर और शरीर हल्का शोष दिखाता है। एट्रोफिक परिवर्तन दिखाया गया है।यह शोष का एक बहुत प्रारंभिक मामला है, अर्थात। हल्का शोष और थोड़ा शोष। और पुरानी अग्नाशयशोथ का परिवर्तन. इसका मतलब है कि पुरानी अग्नाशयशोथ के साथ हल्का शोष होता है।56 गुणा 39 मिमी का एक अच्छी तरह से परिभाषित सिस्टिक घाव। यह मध्यम से बड़े आकार में आएगा। शरीर और पूंछ क्षेत्र में 56 गुणा 39 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट दिखाया गया है। शरीर और पूंछ क्षेत्र में 56 गुणा 39 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट दिखाया गया है। यानी आप पूरा मामला समझ जाएंगे. 27 जनवरी 2023 को श्री. पंकज कुमार, जो महेसाणा से हैं और 31 साल के हैं, उनकी रिपोर्ट में पुरानी अग्नाशयशोथ के साथ हल्का शोष दिखाया गया है।और मध्यम से बड़े आकार का स्यूडोसिस्ट भी होता है और इसका आकार 56 गुणा 49 मिमी होता है। जब उनका इलाज शुरू हुआ तो ये उस वक्त की रिपोर्ट है. और इलाज लेने के बाद कुछ ही दिनों में उन्हें बेहतर महसूस होने लगा।और उन्होंने करीब एक या डेढ़ महीने तक इलाज करवाया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं क्रॉस करके देखना चाहता हूं कि उनके इलाज का क्या रिस्पॉन्स आया है. हैरानी की बात यह है कि उन्होंने वहां महेसाणा में रिपोर्टिंग की।और जब उन्होंने अपनी रिपोर्ट भेजी तो उन्हें खुद पर यकीन नहीं हुआ. श्री। पंकज कुमार जो महेसाणा से हैं और 31 साल के हैं और करीब डेढ़ महीने बाद 1-3-2023 की रिपोर्ट है. आप रिपोर्ट देखेंगे. अग्न्याशय अग्नाशयशोथ का अनुवर्ती मामला है। अग्न्याशय न्यूनतम हाइपो-इकोइक इको पैटर्न दिखाता है। यानि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस में परिवर्तन न्यूनतम स्तर पर दिखाई देते हैं।बहुत ही हल्का असर दिख रहा है. तीव्र अग्नाशयशोथ की कोई समस्या नहीं. कोई तरल पदार्थ नहीं, कोई फोड़ा नहीं.और एनबीएम के साथ अनुवर्ती कार्रवाई मददगार है। और वर्तमान में बड़े अग्न्याशय स्यूडोसिस्ट की कोई प्रस्तुति नहीं देखी गई है। कोई बड़ा स्यूडोसिस्ट दिखाई नहीं देता।जो पहले एक स्यूडोसिस्ट था। यानी पूरा मामला समझेंगे तो समझ जायेंगे. करीब डेढ़ माह तक इलाज चला। और जब रिपोर्ट हुई तो रिपोर्ट में शोष बिल्कुल सामान्य निकला. क्रोनिक अग्नाशयशोथ में भी कई प्रतिवर्ती परिवर्तन हुए। और हल्का असर दिखा रहा है. और तीसरा, जो मध्यम से बड़े आकार का 56x49 मिमी का एक स्यूडोसिस्ट था। वह पूरी तरह से हल हो गया। बस एक महीने में. तो यह जादुई रिपोर्ट ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर के इलाज से दिखाई देती है। यही कारण है कि आज दुनिया भर से मरीज यहां जुड़ रहे हैं। और लोगों का भरोसा बहुत है. उन्हें बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं. और हम उनकी रिपोर्ट में परिणाम दिखाते हैं। साथ ही साथ मरीज़ शारीरिक, मानसिक और जीवन में भी अच्छा महसूस करते हैं। और बिल्कुल सामान्य जीवन जीना शुरू करें। मैंने यह रिपोर्ट उन लोगों के लिए प्रस्तुत की है जो क्रोनिक पैंक्रिएटाइटिस, शोष, बड़े स्यूडोसिस्ट, सर्जरी की राय से पीड़ित हैं, या अपने जीवन से निराश हैं। इन सभी लोगों के लिए ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आशा की किरण है। इस बीमारी से आप सिर्फ दवा से ही छुटकारा पा सकते हैं। धन्यवाद
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kidney failure kya hai?
१) किडनी फेलियर क्या है ? किडनी फेलियर ऐसी स्थिति है जिसमे हमारी एक या दोनों किडनी में से अपने आप ही कार्य करना बंद कर देती हैं। किडनी फेलियर कभी-कभी अस्थायी होता है और जल्दी विकसित होता है। पर कई बार यह एक पुरानी (दीर्घकालिक) स्थिति होती है जो धीरे-धीरे खराब होती जाती है। २) गुर्दा क्या कार्य करते हैं? शरीर में से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी आपके रक्त को फ़िल्टर करती है और अपशिष्ट उत्पादों को मूत्र (पेशाब) के ज़रिए आपके शरीर से बाहर निकालती है।  -जब गुर्दा ठीक से काम नहीं करता है , तो आपके शरीर में अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं। अगर ऐसा हो रहा है, तो आप बीमार महसूस करेंगे  ३) किडनी फेलियर के सबसे आम कारण क्या हैं? - मधुमेह और उच्च रक्तचाप क्रोनिक किडनी रोग के सबसे आम कारण हैं। - (Diabetes): मधुमेह से मरीजों में किडनी फेलियर का खतरा बढ़ने की मात्रा अधिक होती है.  -उच्च रक्तचाप(High blood pressure ):उच्च रक्तचाप प्रभावित कर सकता है GFR यह गुर्दे के ऊतक जो गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकते हैं  ४) होमियोपैथी में किडनी फेलियर का बिना ऑपरेशन इलाज ? सी.के.डी. केस का मतलब है क्रोनिक किडनी डिजीज, संक्षेप में कहें तो किडनी फेलियर के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।इसके कई कारण हैं, जिन पर हम दूसरे वीडियो में चर्चा करेंगे।लेकिन अभी मैं आपको इस वीडियो में यह बताने जा रहा हूं कि ऐसे मामलों में भी होम्योपैथिक दवाओं से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।और जब भी किसी मरीज का एस क्रिएटिनिन लेवल सामान्य रेंज से बढ़ने लगता है और फिर धीरे-धीरे बढ़कर 2, 3, 4, 5, 6, 7 और इसी तरह बढ़ता जाता है, तो आखिर में डायलिसिस होता है।अगर आपके केस में कम रेंज दिखती है, 2, 3, 4, 5 इस रेंज में है, तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में होम्योपैथिक दवाओं से इस रेंज को नियंत्रित और रिवर्स किया जा सकता है। मैं आपको एक ऐसा केस बताने जा रहा हूं, जहां मरीज का एस क्रिएटिनिन बहुत ज्यादा है और वह इस लेवल पर था कि उसे डायलिसिस प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी।वह ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आया।आइए इस रिपोर्ट को देखते हैं और फिर क्या हुआ, हम इस वीडियो में समय के साथ देखेंगे।यह सुरेश भाई जी का केस हैऔर जब आप क्रिएटिनिन देखते हैं, तो यह 12.37 है। EGFR 4.2 है।इसका मतलब है कि क्रिएटिनिन 12.37 दिखा रहा है।इसे बहुत ज़्यादा कहा जाएगा।यहाँ मरीज़ को डायलिसिस की ज़रूरत है।और यह रिपोर्ट 15 अगस्त, 2024 की है।इस समय, डायलिसिस का संकेत है और इस मरीज़ का डायलिसिस होना है।उनके केस में, उनका डायलिसिस भी होना था।लेकिन वे ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर आए।उनका इलाज शुरू हुआ।केस का सही से अध्ययन किया गया।उन्हें खान-पान, जीवनशैली और सुधार के बारे में बताया गया।और 1.5 महीने बाद, उन्हें फिर से फ़ॉलो-अप में रिपोर्ट किया गया। यह रिपोर्ट 28 सितंबर, 2024 की है। लगभग 1.5 महीने बाद।और जब आप एस क्रिएटिनिन का लेवल देखते हैं, तो यह 8.97 है। 12.37 8.97 दिखा रहा था। यह पहले से कम था। अब इस लेवल पर उसे डायलिसिस की जरूरत नहीं है। समय के साथ जैसे-जैसे उसका केस सुधरेगा और एस क्रिएटिनिन का लेवल कम होता जाएगा, डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ेगी। और अगर केस पूरी तरह से ठीक हो जाता है, तो डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। किडनी फिर से अच्छे से काम करने लगेगी। तो इस लेवल पर जहां डायलिसिस की जरूरत है, वहां भी होम्योपैथिक कारगर है। और केस में अच्छे नतीजे देता है। लेकिन अगर आपका केस शुरुआती केस है, जहां क्रिएटिनिन इतना बढ़ा हुआ नहीं है, बल्कि 5 से कम या 5 के आसपास है, तो उस केस में आपको बहुत अच्छे नतीजे मिलते हैं। आप डायलिसिस को रोक सकते हैं। यह किडनी को फिर से सामान्य करने में मदद करेगा। और जो बीमारी आप देख रहे हैं वह समय के साथ बढ़ रही है, यह उसकी प्रगति को भी बहुत अच्छे से रोकता है। कुछ लोगों को डर है कि अगर वे होम्योपैथिक लेंगे तो एलोपैथी बंद कर देंगे। या फिर एलोपैथी बंद कर देंगे। या फिर कोई और इलाज बंद कर देंगे। फिर हालत खराब हो जाएगी। निगेटिव हो जाएगी। ऐसा नहीं है। जब हम फेलियर के केस लेते हैं, खास तौर पर किडनी फेलियर के केस, तो उस केस में एलोपैथी दवा से जो सपोर्ट मिलता है, हम उस सपोर्ट को बंद नहीं करते। यह अपने तरीके से सबसे अच्छा काम करता है। होम्योपैथिक दवा अपने तरीके से सबसे अच्छा काम करती है। इसलिए अगर आप कोई इलाज शुरू भी करते हैं तो हम उसे बंद नहीं करते। हम उसे साथ-साथ चलने देते हैं। क्योंकि आपका स्वास्थ्य प्राथमिकता है। आपकी किडनी अच्छी होनी चाहिए। आपकी जिंदगी अच्छी होनी चाहिए। आपकी उम्र लंबी होनी चाहिए। आपकी जिंदगी अच्छी होनी चाहिए। यही प्राथमिकता है। ऐसा नहीं है कि आप होम्योपैथी या एलोपैथी से ठीक हो जाते हैं। दोनों ही विज्ञान अपने तरीके से अच्छे हैं। दोनों की अपनी-अपनी भूमिका है। इसलिए आप निडर होकर होम्योपैथी शुरू कर सकते हैं। आपकी एलोपैथी भी शुरू हो जाएगी। होम्योपैथी भी शुरू हो जाएगी। और आपको अपने मामले में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।
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ibs kya bimari hai
१) IBS क्या है? हमारे आंतो के दीवार मांसपेशियों के पर्त से मिल कर बने होते है। जब भी हम भोजन करते हैं, तो भोजन को पाचन तंत्र में भेजने की क्रिया के दौरान ये मांसपेशियां सिकुड़ने लगते हैं, लेकिन जब मांसपेशियां सामान्य से अधिक सिकुड़ने लग जाते हैं, तो पेट में गैस बन जाती है और सूजन भी आ जाती है जिसके कारण आंत भी कमजोर हो जाती है और भोजन को पाचन तंत्र में भेज नहीं पाती है। जिस से ibs हो जाता है। २) IBS में क्या नहीं खाना चाहिए? -IBS के लिए सबसे खराब खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ डेयरी, तले हुए खाद्य पदार्थ, कैफीन और शराब चार प्रकार के खाद्य पदार्थ हैं - जो आम तौर पर IBS के गंभीर लक्षणों को ट्रिगर करते हैं। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम वाले लोगों को इन खाद्य पदार्थों से बचने की कोशिश करनी चाहिए  ३) IBS होने के क्या लक्षण होते हैं? IBS होने के लक्षण नियमानुसार हो सकते है, जैसे की  - निचले पेट में दर्द या ऐंठन का होना , - पेट का फूला या सूजा हुआ होना -कब्ज ४) IBS होमियोपैथी में का बिना ऑपरेशन इलाज क्या है? यदि किसी मरीज को आईबीएस है, तो किस प्रकार की रिपोर्ट से यह पता लगाया जा सकता है कि मरीज को आईबीएस है या नहीं? देखिए, रिपोर्ट में आईबीएस एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती है। यदि आप अल्ट्रासोनोग्राफी करवाते हैं, सीटी स्कैन कराते हैं, एमआरआई कराते हैं, कोलोनोस्कोपी या एंडोस्कोपी कराते हैं, या किसी भी प्रकार का रक्त परीक्षण कराते हैं, एलएफटी कराते हैं, केएफटी कराते हैं, या कोई भी रक्त जांच कराते हैं, तो रिपोर्ट में आईबीएस की पहचान आसानी से नहीं होती है। रिपोर्ट में आईबीएस का निदान नहीं किया गया है। आईबीएस का निदान करने के लिए, नैदानिक तस्वीर मुख्य मौलिक भूमिका निभाती है। जब आप एक अनुभवी डॉक्टर के अधीन होते हैं, तो आपकी विशिष्ट प्रस्तुति में मल पैटर्न में बदलाव, दस्त, कब्ज, भोजन कणों की मिश्रित प्रस्तुति, सूजन, पेट में ऐंठन, गैस की परेशानी, असुविधा, पाचन समस्याएं शामिल होती हैं। इन समस्याओं को देखकर और उन्हें चिंता या अवसाद से जोड़कर, आपका डॉक्टर निदान करेगा कि आपको आईबीएस है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि आप बेवजह अपने विचारों में न फंसे रहें, कुछ रिपोर्ट ऐसी होती हैं जो मुझे बताती हैं कि यह क्या है, कैसी है और उन रिपोर्ट को करने में आप खर्च पर खर्च कर रहे हैं, इसलिए आप ऐसा करते हैं. ऐसा नहीं करना पड़ेगा. आपको किसी अच्छे अनुभवी डॉक्टर के अधीन रहना होगा और यह समझना होगा कि आपका डॉक्टर आपको इस बीमारी के बारे में सही मार्गदर्शन देगा और इस बीमारी से बाहर निकलने का तरीका भी बताएगा।
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pancreatitis ka kya arth hota hai
१) पैन्क्रियाटाइटिस का क्या अर्थ होता है ? हमारे शरीर में पैन्क्रियाटाइटिस एक महत्वपूर्ण अंग है ,जोकि पेट के ऊपरी हिस्से में होता है,जिसका कार्य रस बनाना और जो भोजन को पचाने में हमारी मदद करता है। पैंक्रियास इंसुलिन बनाता है, जो आपकी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। पैन्क्रियाटाइटिस कितने तरह के होते है ?पैन्क्रियाटाइटिस मुख्य २ तरह के होते है , - एक्यूट पैंक्रियास  - क्रोनिक पैंक्रियास  - क्रोनिक पैंक्रियास यह दीर्घकालिन स्थिति है।जो की अग्नाशय में स्कार ऊतक बनते हैं और समस्याएं पैदा करते रहते हैं। एक्यूट पैंक्रियास जो व्यक्ति को अचानक शुरू होता है, पैंक्रियाटाइटिस कहलाता है। बार-बार एक्यूट पैंक्रियास के अटैक होने से वो क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस भी हो सकता है। २) अग्नाशय खराब क्यों होता है? पैंक्रियास का सबसे आम कारण पित्त में पथरी होना है। अग्न्याशय में सूजन का कारण बनती है क्योंकि पत्थर पित्त या अग्नाशयी नली से होकर गुजरते हैं और उसमें फंस जाते हैं। इसे पित्ताशय की पथरी अग्नाशयशोथ कहते है ३) अग्नाशयशोथ का क्या कारण है? अग्नाशयशोथ का कारण निचे बताये अनुसार हो सकते है जैसे की , - खून में उच्च कैल्सियम का स्तर - अधिक शराब पीना  - मोटापा  - पित के थैली में पथरी का होना ४) पैंक्रियास का होमियोपैथी में रामबाण इलाज क्या है ? इस वीडियो में मैं आपको दिल्ली के एक मरीज की केस स्टडी के बारे में बताने जा रहा हूँ।वह 40 साल का पुरुष है।उसका केस क्रॉनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस का सीसीपी है।इस केस में उसे कोई दर्द नहीं है।उसका केस 7 से 8 साल पुराना है।पहले उसे दर्द होता था।उसे दर्द नहीं हो रहा हैलेकिन, उसे मल में तेल है और अपच है।अब उसका इलाज एंजाइम और एंटासिड के कैप्सूल से हो रहा है।एंजाइम और एंटासिड लेने से उसकी ज़िंदगी अच्छी चल रही है।उसे मल में तेल और थोड़ी सी अपच के अलावा कोई परेशानी नहीं है।जिसे कैप्सूल लेने से ठीक किया जा रहा है। वह अपने जीवन में सब कुछ खाता है।वह जंक फ़ूड खाता है। वह तला हुआ खाना खाता है।कभी-कभी, वह शराब भी पीता है।अब, उसकी बीमारी को 7 से 8 साल हो चुके हैं।अब, उसने ब्रह्म होम्योपैथी हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में अपना इलाज शुरू कर दिया है।अब आप देख सकते हैं.अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है. आप नोटिस कर रहे हैं.और, एंटासिड और एंजाइम के कैप्सूल लेने से आपका काम ठीक चल रहा है.और, आपको लग रहा है कि आपकी बीमारी ठीक हो गई है.या, आपका जीवन इस तरह खत्म होने वाला है.तो, आप गलत सोच रहे हैं.यह चरण 2 से 5 साल तक चल सकता है. लेकिन, उसके बाद का चरण.आपका अग्न्याशय पूरी तरह से शोषित हो जाएगा.पूरे अग्न्याशय में कैल्सीफिकेशन हो जाएगा.और, मधुमेह आ जाएगा.इंसुलिन का स्राव लगभग शून्य हो जाएगा.एंडोक्राइन और एक्सोक्राइन अपर्याप्तता. जिसे कहा जाता है. दोनों दिखाई देंगे.इंसुलिन पर भी आएगा.और, धीरे-धीरे आपका वजन भी कम हो जाएगा.और, यहाँ से उबरना मुश्किल है. यह अब चुनौतीपूर्ण मामला है.यहाँ से केस को कैसे आगे बढ़ाया जाए.तो, अगर आपका केस इस चरण में है.तो, मैंने यह केस सिर्फ़ समझने के लिए बताया है.मैंने यह जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा है।कि, यहाँ असहाय मत बनो।जब भी कोई मामला क्रोनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस के एक बिंदु से आगे चला जाता है।तो, तीव्र हमले कम हो जाते हैं।कैल्सीफिकेशन की वजह से।अग्नाशय में मौजूद दर्द संवेदक।वे काम कम कर देते हैं।तो, इस मामले में।दर्द उनका मुख्य लक्षण नहीं है। प्रारंभिक चरण।प्रारंभिक 3-4 साल।5 साल में। दर्द मुख्य लक्षण होगा।जहाँ रोगी को बार-बार दर्द होगा।आपने अस्थायी दर्द को मैनेज कर लिया है। वह भी ठीक नहीं हुआ है।आपकी बीमारी भी अंदर से ठीक हो जानी चाहिए।लेकिन, जब मामला इस स्तर पर पहुँच जाएगा। तो, इस स्तर पर।उस स्थिति में।आपका दर्द मुख्य लक्षण नहीं होगा।आपका तैलीय मल और अपच मुख्य लक्षण होगा।और, अगर आप यहाँ से होश में नहीं हैं।जागरूक नहीं हैं। तो, यह बीमारी और बढ़ेगी। और, फिर आपको मधुमेह हो जाएगा, वजन कम हो जाएगा, आपकी ऊर्जा का स्तर, कमजोरी चरम स्तर पर होगी। और, अब यह एक बदतर स्थिति है। तो, वहाँ मत जाओ। इसे उलटने के बारे में सोचो। क्योंकि, अग्नाशयशोथ एक प्रगतिशील बीमारी है। यह आगे बढ़ेगी। सही रास्ता। सही उपाय। सही दवा। सही आहार। और, सही जीवनशैली। इन चीजों को मिलाकर। सामूहिक रूप से। यह आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा। यह आपके जीवन को बेहतर बनाएगा। यह आपको मामले को उलटने में मदद करेगा। और, यह आपके जीवन को बेहतर बनाने में आपकी मदद करेगा। इसलिए, सतर्क रहें। सतर्क रहें। जागरूक रहें। वास्तविकता क्या है? और, उस वास्तविकता के साथ चलें। आप निश्चित रूप से एक अच्छा जीवन जीएंगे।
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chronic pancreas kya bimari hai
१) क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस क्या बीमारी है ? मानव शरीर में पैंक्रियास मुख्य भाग माना जाता है ,अग्नाशय हमारे पेट के ऊपरी हिस्से में होता है,जिसका काम रस बनाता है और जो भोजन को पचाने में हमारी मदद भी करता है। अग्नाशय इंसुलिन बनाता है, जो आपकी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। - क्रोनिक पैंक्रियास यह दीर्घकालिन स्थिति है।जो की अग्नाशय में स्कार ऊतक बनते हैं और समस्याएं पैदा करते रहते हैं। एक्यूट पैंक्रियास जो व्यक्ति को अचानक शुरू होता है, पैंक्रियाटाइटिस कहलाता है। बार-बार एक्यूट पैंक्रियास के अटैक होने से वो क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस भी हो सकता है। २) क्रोनिक पैंक्रियास किन कारण से होता है ? क्रोनिक पैंक्रियास होने के कारण निमानुसार हो सकते है जैसे की , -खून में कैल्शियम का उच्च स्तर होना -पित्ताशय की पथरी -भारी मात्रा में शराब का उपयोग करना -बहुत सिगरेट का सेवन ३) पैंक्रियास में इन्फेक्शन कैसे होता है? chronic pancreas ऐसी स्थिति है,जो एक्यूट पैंक्रियास के बाद ही होती है। इस स्थिति में पैंक्रियास मे पर सूजन लंबे टाइम तक व्यक्ति को परेशान करती है। इस स्थिति के उत्पन्न होने का मुख्य कारण लंबे समय तक शराब को पीना या अधिक धूम्रपान करना भी होता है। 4)क्रोनिक पैंक्रियास का होमियोपैथी में रामबाण इलाज ? मेरा नाम चंद्रेश बंदेरे है। मैं अहमदाबाद से हूँ। शुरू में मुझे एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस था। जब मैं चार बार भर्ती हुआ तो डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे गैस्ट्रिक की समस्या है। लेकिन जब मुझे पता चला कि यह गैस्ट्रिक की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस है, तो मुझे पता चला कि यह एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस है।  डॉक्टर ने मुझे एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस की कोई दवा नहीं दी। मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मैं कुछ भी नहीं खा सकता था। मैं केवल तरल भोजन ही खा सकता था। मैं कुछ और नहीं खा सकता था। मुझे चार बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। एक साल में, मैं 16 बार अस्पताल में भर्ती हुआ। जब मैं चौथी और पाँचवीं बार भर्ती हुआ, तो मुझे पता चला कि मुझे क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस हो गया है। क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस इतना भयंकर दर्द है। इसकी कोई सीमा नहीं है। मैं इसका वर्णन भी नहीं कर सकता। यह इतना भयानक दर्द था। शायद मैंने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। मुझे इसके बारे में सोचना पड़ा। यह इतना भयानक दर्द था। फिर मुझे ऑनलाइन डॉ. प्रदीप खुरवाहा मिले. मैंने डॉ. प्रदीप खुरवाहा से मुलाकात की. मैंने दवाइयां लेना शुरू किया. मैंने 23 अप्रैल को दवाइयां लेना शुरू किया. मैंने 23 अप्रैल, 2021 को दवाइयां लेना शुरू किया. मैं अब नौ महीने से दवाइयां ले रहा हूं. मैं अब नौ महीने से दवाइयां ले रहा हूं.मुझे नौ महीने में एक बार भी अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा. मैं अब पूरी तरह स्वस्थ हूं. मैं बहुत घबराया हुआ था.मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. मैं कोशिश करता रहा.मैं कोशिश करता रहा. मैं डॉ. प्रदीप खुरवाहा से मिला. उन्होंने मुझे जीवन की उम्मीद दी है. मैं अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था. मैं अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था. मैंने दवाएं लीं और मैं ठीक हूं. मैंने दवाएं लीं और मैं ठीक हूं. बहुत अच्छा. बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया जब हम 10 प्रश्न पूछते हैं, 10 प्रश्न हमें बहुत सारे उत्तर देते हैं बहुत सारे उत्तर अनुशासन के साथ देते हैं यदि हम कोई भी प्रश्न पूछते हैं तो वह हमें समझाते हैं यदि हम एक प्रश्न दो बार पूछते हैं तो वह हमें समझाते हैं वह बहुत प्यार और अनुशासन देते हैं प्रदीप सर मेरे लिए ईश्वर का उपहार हैं संक्षेप में ईश्वर का उपहार प्रदीप सर, आपने मुझे एक नया जीवन दिया है और अब मेरे क्लिनिक में 150 से अधिक मरीज हैं और वे सभी शुद्ध अवस्था में हैं और सभी स्वस्थ हैं। प्रदीप सर, मैं आपको बार-बार धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं भारत और विदेश में सभी को सलाह देना चाहता हूं कि वे आयुर्वेदिक दवाएं लेना बंद कर दें और प्रदीप सर से जरूर मिलें। प्रदीप सर आप सभी से मिलेंगे और आपके साथ सभी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे। मेरी कहानी यह है कि यह मेरे जीवन में पहली बार है कि मैंने होम्योपैथिक दवाइयां ली मुझे नहीं पता था कि होम्योपैथिक दवाओं का इतना बड़ा केंद्र है और होमियोपैथी दवाई से मुझे बहुत फरक पड़ा हैं। मुझे दवाई से बहुत आराम मिला।
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ibs ka ilaaj kya hai
1)इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम क्या है? IBS यह आम बीमारी है , जो की हमारे आंत की दीवार मांसपेशियों के परत से मिल कर बने होते है। जब भोजन करते हैं ,तब भोजन को पाचन तंत्र में भेजने की क्रिया के दौरान मांसपेशियां सिकुड़ती हैं, पर जब मांसपेशियां ज्यादा सिकुड़ जाती हैं तब पेट में गैस बनने लगती है जिसके कारण से सूजन भी आ जाती है और आंत कमजोर हो जाते है और भोजन को पाचन तंत्र में भेज भी नहीं पाते है ,जिस से IBS की समस्या हो जाती है। 2) आईबीएस के लक्षण क्या हैं?-पेट दर्द होना, -गैस और पेट फूलना  -दस्त या कब्ज़  -खाने-से पहले या खाने के बाद में दर्द ३) IBS क्यों होता है? IBS का कोई भी कारण स्पष्ट नहीं है। IBS वाले कई लोगों में, पाचन तंत्र विशेष रूप से उत्तेजना के प्रति संवेदनशील होता है। लोगों को गैस या संकुचनों के कारण होने वाली असुविधा का अनुभव हो सकता है जो अन्य लोगों को परेशान करने वाला नहीं लगता है। ४) IBS का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? अगर किसी मरीज को IBS है और वो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में आता है तो इस केस में सबसे पहले उसके लक्षण और उसके सभी लक्षणों के आधार पर सही निदान किया जाता है कि हाँ, मरीज को IBS है। और उसके बाद उसकी गंभीरता, उसकी तीव्रता, मरीज उस बीमारी की चपेट में कितना है, किस स्टेज पर है, क्या वो शुरुआती चरण है, मध्य चरण है या चरम स्तर का मामला है, जहाँ मरीज शारीरिक बीमारी के साथ मानसिक रूप से उदास है, तो उसका विश्लेषण किया जाता है।  विश्लेषण के बाद, उसकी बीमारी के अनुसार, मरीज के आहार की योजना बनाई जाती है, उसकी जीवन स्थिति को समझते हुए, उसे मार्गदर्शन दिया जाता है। और अंत में, उसके लिए सटीक उपाय, उसके मामले के लिए उपयुक्त दवा निर्धारित की जाती है। उसके लिए आगे की योजना बताई जाती है कि आपको उसका कैसे और कब ख्याल रखना है, आहार में कब बदलाव करना है, इसलिए जब भी आप ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़ते हैं, तो आपकी बीमारी के अनुसार आपकी योजना बनाई जाती है, और हर महीने आपका आकलन किया जाता है, और आपको उचित मार्गदर्शन दिया जाता है, जिसके साथ, समय के साथ, आप धीरे-धीरे अपनी बीमारी से बाहर आते हैं।
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liver cirrhosis kya hai
१) लिवर सिरोसिस क्या है? - लीवर शरीर का ऐसा अंग है जो फुटबॉल के आकार का होता है, जिसका महत्वपूर्ण काम यह होता है की हमारे खून से विषाक्त पदार्थों को छानता है, भोजन को पचाने में भी मदद करने वाला एंजाइम बनाता है, शर्करा और पोषक तत्वों को संग्रहीत भी करता है संक्रमण से लड़ने में भी मदद करता है। - बार जब आपका लीवर जब चोटिल होता है, तो वह खुद को ठीक करता है और सख्त निशान ऊतक भी बन जाता है। जब बहुत ज़्यादा निशान ऊतक बन जाता है, तो अंग उस तरह से काम नहीं कर पाता है इस स्थिति को लीवर सिरोसिस कहते है। 2) लिवर सिरोसिस के प्रथम लक्षण क्या हैं? -पेट,या पैरों में सूजन का होना -बहुत कमज़ोर महसूस होना -भूख भी काम लगना -मांसपेशियों में कमज़ोरी या ऐंठन का होना 3) लिवर सिरोसिस का क्या कारण हो सकता है? -हेपेटाइटिस का भयानक संक्रमण.  - पुटीय तंतुशोथ  -पित्त नलिकाओं का खराब विकसित होना। -शर्करा चयापचय का आनुवंशिक संक्रमण। -विरासत में मिली पाचन संबंधी समस्याएं. -शराब का अत्यधिक अनुचित सेवन। -लिवर में फैट का बढ़ना. 4) होमियोपैथी में लिवर सिरोसिस का इलाज क्या है? अगर किसी मरीज को शराब की वजह से लिवर सिरोसिस है, जिसे एल्कोहॉलिक लिवर सिरोसिस कहते हैं, तो यह लार, रक्त संक्रमण या संभोग से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। अब यहां आपको मूल रूप से यह समझने की जरूरत है कि अगर लिवर सिरोसिस के पीछे मुख्य कारण शराब और एल्कोहॉलिक लिवर सिरोसिस है, तो यह लार, संभोग या रक्त संक्रमण से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलेगा। लेकिन लिवर सिरोसिस के पीछे दूसरे कारण भी हैं।  अगर किसी मरीज को हेपेटाइटिस बी या सी पॉजिटिव होने की वजह से है और यह भी लिवर सिरोसिस पैदा करने का एक संबद्ध या मौलिक कारण है, तो यह संभोग या दूसरे व्यक्ति में रक्त संक्रमण के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह संक्रमण उस व्यक्ति में फैल सकता है और लंबे समय के साथ उस व्यक्ति को भी लिवर सिरोसिस हो सकता है। लेकिन लार के संदर्भ से ऐसा नहीं होता है। इसलिए, यह हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि मौलिक कारण क्या है। हेपेटाइटिस बी और सी बहुत संवेदनशील मामले हैं और यह संक्रमण फैल सकता है। धन्यवाद।
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ige test kya hai
१) IGE टेस्ट क्या है? - IGE रक्त परीक्षण है, जिसका उपयोग शरीर के इम्युन सिस्टम की एक विशेष प्रकार की प्रोटीन, जिसे को IGE के रूप में जाना जाता है, यह टेस्ट अलर्जी और विभिन्न इम्युन संबंधी विकारों के टेस्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। २) आईजीई लेवल क्यों बढ़ता है? -खून में सामान्य रूप से IgE एंटीबॉडी की थोड़ी मात्रा होती है। अधिक मात्रा इस बात का संकेत दे सकती है कि, शरीर एलर्जी के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया कर रहा है , जिससे एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है। जब हमारा शरीर किसी भी परजीवी से होने वाले संक्रमण प्रतिरक्षा प्रणाली स्थितियों से लड़ रहा होता है, तो IgE का स्तर भी अधिक हो सकता है।  ३) उच्च IgE स्तर के लक्षण क्या हैं? -उच्च IgE स्तर के लक्षण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है जैसे की, -लगातार छींक आना, - आंखों में खुजली, पानी का आना,  -त्वचा पर छोटे -छोटे दाने , - चेहरे या गले में सूजन का होना  4) IGE का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? यह श्री किरण का मामला है। IgE का कुल स्तर 4750 है। यह काफी अधिक है। और एलर्जी के स्तर की जाँच के लिए IgE का स्तर मापा जाता है। कुछ लोगों में, हमें 5000, 7000, 10,000, 12,000, 15,000 की रिपोर्ट मिलती है। जहाँ IgE इतना अधिक होता है। और रोगी को उपचार से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है। रोगी किसी भी एलर्जी की स्थिति से ठीक हो जाता है। इसके साथ ही, IgE का स्तर भी रिपोर्ट के अनुसार कम हो जाता है। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में उनका उपचार भी शुरू हुआ। और उपचार के बाद, जब हमने IgE के स्तर की जाँच के लिए फॉलो-अप के लिए उनकी रिपोर्ट प्राप्त की, तो उनकी रिपोर्ट बहुत अच्छी थी। रिपोर्ट में देखें तो श्री किरण, IgE का कुल स्तर 459 है। पहले यह सीमा 4750 थी।और अब यह 459 दिखा रही है।यह लगभग 450 है।तो, अगर आप देखें तो इस स्तर में बहुत बड़ा बदलाव आया है।और हमें उनकी स्थिति में बहुत अच्छा सुधार देखने को मिला।तो, एलर्जी के मामले में होम्योपैथी से हमें बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं। ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में दिन-प्रतिदिन एलर्जी की अलग-अलग स्थितियों वाले लोग जुड़ रहे हैं। उनका IgE स्तर भी बहुत अच्छा है। और उन्हें स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत लाभ मिल रहा है।आपके मामले में भी, अगर IgE बढ़ा हुआ है, और अगर इससे संबंधित कोई बीमारी है,अगर आप सालों से इससे पीड़ित हैं, तो इस मामले में रिकवरी संभव है।आप अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। आप बीमारी को ठीक कर सकते हैं।आप एक अच्छा जीवन जी सकते हैं। होम्योपैथी में यह संभव है।
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chronic calcified pancreas kya hai
१) क्रोनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियास क्या है? - क्रोनिक कैल्सीफिकेशन पैंक्रियास सूजन की स्थिति है जिसमें पैंक्रियास में सूजन, घाव और संभावित नुकसान महसूस हो सकता हैं। पुरानी स्थिति में आपको पैंक्रियास के विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए आप सर्जरी के स्थान पर सही उपचार पा सकते हैं। २) क्रोनिक कैल्सिफिकेशन पैंक्रियास के क्या क्या लक्षण हो सकते है ? - क्रोनिक कैल्सिफिकेशन पैंक्रियास के लक्षण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है जैसे की, १) लम्बे टाइम तक होने वाले सूजन २) मधुमेय  ३) पेट में दर्द का होना ४) भूख में कमी होना ३) क्रोनिक कैल्सिफिएड पैंक्रियाज के क्या कारण होते है? -क्रोनिक कैल्सिफिकेशन पैंक्रियास के कारण निचे बताये गए अनुसार हो सकते है जैसे की, १)पित्ताशय में पथरी का होना २) अलकोहल का अधिक सेवन करना ३) बार - बार होने वाला पैंक्रियास 4) क्रोनिक कैल्सिफिएड पैंक्रियाज का होमियोपैथी में इलाज क्या है ? क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस एक एडवांस स्टेज है, जिसमें मरीज को पहले तीव्र अटैक आते हैं और फिर यह क्रोनिक में बदल जाता है। और फिर जटिलताओं की तरह, क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस का चरण आता है, जहां रिपोर्ट में कैल्सीफिकेशन भी दिखाया जाता है। तो, आपके मामले में, यदि क्रोनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस का चरण दिखाया गया है, तो आम तौर पर इस चरण को आने में 2 से 3 साल लगते हैं। उसके बाद, इस तरह के कैल्सीफिकेशन शुरू होते हैं। हमारे पास कुछ मरीज़ 15 साल, 20 साल, 30 साल के हैं जो इतने सालों से इस स्टेज में हैं। तो, अगर आपके मामले में यह स्थिति दिखाई दे रही है, तो ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर की दवा की मदद से इस केस का इलाज संभव है। और इसका इलाज बिना सर्जरी के किया जा सकता है। खासकर, जो केस शुरुआती स्टेज में है, जिसका निदान शुरुआत में ही हो गया है, ऐसे मामलों में सबसे अच्छे परिणाम मिलते हैं। पुराने मामले बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, लेकिन उन मामलों में भी परिणाम मिलते हैं। आइए यहां एक मामला देखें। ये CT स्कैन की रिपोर्ट है. ये दर्शन पटेल की रिपोर्ट है जो 24 साल के हैं. ये 12-08-2023 की रिपोर्ट है. जब आप CT स्कैन की रिपोर्ट देखेंगे, तो निष्कर्षों में, पूरे अग्न्याशय में हल्का एट्रोफिक नोट किया गया है. इसका मतलब है, पूरे अग्न्याशय में एट्रोफिक परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं. फैला हुआ MPD है. और MPD 6 mm है. 6 mm MPD फैला हुआ है. और कई अग्नाशयी पैरेन्काइमल कैल्सीफिकेशन दिखाई दे रहा है. इसका मतलब है, अग्न्याशय के पैरेन्काइमा में कई कैल्सीफिकेशन दिखाई दे रहे हैं. कुछ इंट्राडक्टल कैलकुली नोट किए गए हैं. और नली के अंदर पत्थर दिखाई दे रहे हैं जो 9 गुणा 5 mm तक के हैं. तो, कुल मिलाकर, जब आप स्थिति को समझते हैं, तो यह मामला क्रोनिक कैल्सीफाइड पैंक्रियाटाइटिस का है. जहां क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस है. पूरे अग्न्याशय में शोष है. पूरे अग्न्याशय के पैरेन्काइमा में कई पत्थर हैं. और नली के अन्दर पथरी है जो 9 गुणा 5 mm तक की है। मतलब 9 mm तक की पथरी है। तो इस लेवल तक की पथरी निकल सकती है। तो जब उसका इलाज शुरू हुआ तो रिपोर्ट के हिसाब से ये हालत थी। और शारीरिक बीमारी, जैसा कि आप सब जानते हैं, पेट में दर्द है, पाचन में गड़बड़ी है, मल तैलीय है, पीठ में दर्द है, भूख नहीं लगती, वजन कम होना, ये सारी परेशानियाँ उसके केस में थी। और जैसे ही इलाज शुरू हुआ, एक महीने के अन्दर ही हमने उसके केस में सुधार देखा। और धीरे-धीरे उसकी हालत में सुधार होने लगा।फिर से फॉलो अप की तरह हमने MRCP किया। अगस्त में उसका इलाज शुरू हुआ। और करीब 9-10 महीने के इलाज के बाद मई 2024 में फिर से दर्शन पटेल ने रिपोर्ट की। 25 साल। और ये MRCP की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में आप देखेंगे, तो, अग्नाशयी नली आर्सेनिक प्रक्रिया में और अग्नाशय की पूंछ में प्रमुख है। जब आप इंप्रेशन देखते हैं, तो अग्नाशयी नली का हल्का अनियमित फैलाव, जो पहले 6 मिमी का था, अब आर्सेनिक प्रक्रिया और पूंछ वाले हिस्से में हल्का प्रमुख दिख रहा है। और अग्नाशय की पूंछ में हल्का शोष। पहले, पूरे अग्नाशय में शोष परिवर्तन थे। अब, हल्का शोष केवल पूंछ वाले हिस्से में दिख रहा है। इसका मतलब है, उनके इलाज के 9-10 महीने बाद, और कई पैरेन्काइमल कैल्सीफिकेशन साफ हो गए। नली के अंदर के पत्थर साफ हो गए। और सामान्यीकृत शोष जो सिर, शरीर और पूंछ में दिख रहा था, अब साफ हो गया है। केवल पूंछ वाले हिस्से में हल्का शोष दिख रहा है। इसलिए, यह अभी भी उपचार पर है। मामला पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है। लेकिन, अगर आप रिपोर्ट के दृष्टिकोण से देखें, तो 70% मामला साफ हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वह शारीरिक रूप से बहुत अच्छा है। और यह अभी भी उपचार पर है। समय के साथ, उसकी पूरी रिपोर्ट सामान्य हो जाएगी। तो, ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर में ऐसी दवाइयाँ हैं, जिनका हमने हज़ारों मरीज़ों पर इस्तेमाल किया है।और, हमें सबसे अच्छे नतीजे मिले हैं। और, यह चिकित्सकीय रूप से सत्यापित है। हमने कई लोगों की रिपोर्ट अलग-अलग स्रोतों पर रखी है। यूट्यूब पर, या अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म पर। और, कई मरीज़ ऐसे हैं जो पहले से ही ठीक हो चुके हैं। तो, अगर आपका मामला प्राथमिक स्तर से ऊपर चला जाता है, और क्रॉनिक कैल्सीफाइड पैन्क्रियाटाइटिस के चरण में चला जाता है, तो, यहाँ से उलटफेर भी संभव है। आपको निराश होने की ज़रूरत नहीं है। या, जीवन खत्म हो गया है। या, मैं बच नहीं पाऊँगा।या, मेरा जीवन बर्बाद हो गया है। आपको ये सब सोचने की ज़रूरत नहीं है। बस, आप ब्रह्म होम्योपैथिक हीलिंग एंड रिसर्च सेंटर से जुड़ें।आपको अपने मामले में सबसे अच्छे नतीजे मिलेंगे। और, आप इससे बाहर निकल जाएँगे।
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